World Tobacco Day: तम्बाकू (tobacco) का सेवन स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। तम्बाकू या धूम्रपान (smoking) व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। हालाँकि, यह जानने के बावजूद दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इंसानों में बीड़ी, सिगरेट और गुटखा के सेवन से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान धमनियों को कमजोर करता है और कोरोनरी हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। कुछ अध्ययनों ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में दिल के दौरे में वृद्धि के संभावित कारण के रूप में धूम्रपान का सुझाव दिया है। इसके अलावा, धूम्रपान से कैंसर या फेफड़ों की बीमारी हो सकती है।
ऐसे में लोगों को तंबाकू सेवन के नुकसान के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में वर्ल्ड नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू निषेध दिवस मनाने की जरूरत कब और क्यों महसूस हुई, इससे दूसरों को इस दिन के महत्व से अवगत कराया जा सकता है।
तंबाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। 1988 में इसे मई के आखिरी दिन मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। तब से, तंबाकू के उपयोग को रोकने और इससे होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
तंबाकू के सेवन से बीमारी का खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक धूम्रपान से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय कैंसर का खतरा रहता है। इसके अलावा हृदय रोग और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास
दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया था। अगले साल यानि 1988 में अप्रैल में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। हालांकि, बाद में इसके जश्न की तारीख मई में तय की गई।
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