Public Enterprises: पिछले 5 वर्षों के दौरान कोयला/लिग्नाइट (Coal/Lignite) सार्वजनिक उपक्रमों (Public Enterprises) ने 15 इको-पार्क (Eco-Park) स्थापित किए हैं। जिसमे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले 5 वर्षों के दौरान मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) ने 2 और डब्ल्यूसीएल (WCL) ने 1 इको-पार्क बनाया है।
अहम बात ये है कि सरकार (Government) की ओर से इन इको पार्क (Eco-Park) के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है। इको-पार्कों (Eco-Park) की स्थापना और उसके रख-रखाव पर खर्च से संबंधित कोयला/लिग्नाइट (Coal/Lignite) पीएसयू (PSU) द्वारा वहन किया जाता है। कोयला/लिग्नाइट (Coal/Lignite) पीएसयू (PSU) द्वारा आस-पास के इलाकों के लोगों के मनोरंजन के उद्देश्य से इको-पार्क (Eco-Park) विकसित किए गए हैं और इन इको-पार्कों (Eco-Park) से अर्जित कोई भी राजस्व खनन क्षेत्रों के विकास पर खर्च नहीं किया जाता है।
हालांकि, माइन टूरिज्म (Mine Tourism) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का केनापारा इको-पार्क (Eco-Park) , एसईसीएल (SECL) का संचालन और रख-रखाव स्थानीय स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाता है। ये स्वयं सहायता समूह अपनी आजीविका के लिए केनापारा इको-पार्क (Eco-Park) के फ्लोटिंग रेस्तरां, मछलीपालन और नौकायन सुविधाओं से भी राजस्व जुटा रहे हैं।
पिछले पांच वर्षों के दौरान कोयला/लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा स्थापित इको पार्कों का राज्यवार और वर्षवार विवरण:
कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा स्थापित किए जाने वाले नए इको पार्कों का अनुमानित धनराशि सहित विवरण:
(नोट- ये जानकारी केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने हालही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।)
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