MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ऐसे इलाके जहाँ अपेक्षाकृत उद्योग (industries) कम हैं, वहाँ स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप औद्योगिक (industries) इकाइयों की स्थापना पर फोकस किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने शनिवार को दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि इसके लिए जिला स्तर पर उद्योग संवर्धन संगोष्ठियां करके उद्योगपतियों (industrialists) एवं निवेशकों (investors) को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Chief Minister Dr. Yadav) की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री निवास (Chief Minister’s residence) स्थित समत्व भवन में नर्मदा घाटी विकास विभाग, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खनिज साधन, जनसंपर्क, वाणिज्यिक और आबकारी विभाग की गतिविधियों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Chief Minister Dr. Yadav) ने औद्योगिक नीति (Industrial Policy) एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे स्थानों पर उद्योग स्थापना की ठोस पहल की जाए, जहां उद्योग (industries) कम हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Chief Minister Dr. Yadav) ने धार, झाबुआ जैसे जनजातीय बहुल क्षेत्रों एवं सागर, जबलपुर जैसे नगरीय क्षेत्रों में उद्योग (industries) संवर्धन संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए। कृषि, पशुपालन, खनिज आधारित औद्योगिक (industries) इकाइयों को प्रारंभ करने की संभावनाओं पर विमर्श करने इनकी स्थापना के लिए भी तेज गति से कार्य करने बांस उत्पादन आधारित इकाइयों और टिंबर व्यवसाय को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
कार्य प्राथमिकता से किया जाए : Chief Minister
मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Chief Minister Dr. Yadav) ने बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसी जगहों पर औद्योगिक (industries) इकाइयां लगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए, जहां उन औद्योगिक (industries) इकाइयों के विकास की व्यापक संभावनाएं विद्यमान हों। इससे रोजगार सृजन में भी सहायता मिलेगी। बैठक में बताया गयाकि आगामी एक और दो मार्च को उज्जैन में व्यापार मेले 2024 के अवसर पर इन्वेस्टर्स समिट भी प्रस्तावित है। विशेष रूप से पर्यटन, कृषि और स्टार्टअप क्षेत्रों पर फोकस रहेगा। इसमें गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित स्थानीय निवेशक भी हिस्सा लेंगे।
ऐसी इकाइयों की स्थापना के लिए मिलकर कार्य करें : Chief Minister
मुख्यमंत्री डॉ. यादव (Chief Minister Dr. Yadav) ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, खनिज विभाग, और ग्रामोद्योग विभाग संयुक्त रूप से ऐसी इकाइयों की स्थापना के लिए मिलकर कार्य करें, जो इन विभागों के सहयोग से आसानी से संचालित हो सकती हैं। अंतर्विभागीय समन्वय से कचरा प्रबंधन एवं गोबर के उपयोग के लिए संयंत्र स्थापित करने के कार्य किए जाएं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में एमपी.आई.डी.सी. के 10 क्षेत्रीय कार्यालय कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में अधिक रोजगार सृजित करने वाले सेक्टर जैसे गारमेंट, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग आदि के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध है। जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से जिला स्तर पर उद्योगपतियों (industrialists) के लिए जिला इन्वेस्टर्स समिट की पहल की जा रही है। विभाग द्वारा आगामी महीनों में देश के विभिन्न स्थानों में प्रस्तावित कार्यक्रमों और उनमें भागीदारी की जानकारी भी दी गई।
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