NCL Singrauli: मिनीरत्न NCL में दो नई परियोजनाओं का PM मोदी ने किया लोकार्पण; जानिए

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NCL Singrauli: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के सिंगरौली (Singrauli) में स्थित मिनीरत्न कोयला कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (Miniratna coal company Northern Coalfields Limited) की दो महत्वपूर्ण फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं (First Mile Connectivity projects) का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।

विकसित भारत के आलोक में ‘आत्म निर्भर ऊर्जा क्षेत्र’ व दीर्घकालिक विकास के साथ सतत खनन एवम् हरित प्रेषण की दिशा में 1393.69 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश से निर्मित एनसीएल की इन महत्वाकाँक्षी परियोजनाओं को अहम बताया जा रहा हैl इन पर्यावरण अनुकूल एफएमसी परियोजनाओं के संचालन से एनसीएल द्वारा रेल के माध्यम से बिजली क्षेत्र सहित दूरस्थ ग्राहकों को भेजे जा रहे कोयला में 25 मिलियन टन वार्षिक का अतिरिक्त ईजाफा होगा l

इसके अलावा ये नई सीएचपी रैपिड लोडिंग सिस्टम (आरएलएस) का उपयोग करके तेज़ लोडिंग, स्वचालित प्री-वे हॉपर से सटीक लोडिंग के साथ ही ग्रीन हाऊस गेसेज के उत्सर्जन में कमी के साथ रोजगार सृजन करने में भी सहायक हैं l

NCL Singrauli: मिनीरत्न NCL में दो नई परियोजनाओं का PM मोदी ने किया लोकार्पण; जानिए

एनसीएल के सीएमडी मनीष कुमार, निदेशक (वित्त), रजनीश नारायण, निदेशक (तकनीकी/संचालन) जितेंद्र मलिक, सीवीओ एनसीएल, रविंद्र प्रसाद, एनसीएल के जेसीसी सदस्य अजय कुमार, बी एस बिष्ट, राकेश कुमार पांडेय, अशोक कुमार पांडेय, सीएमओएआई से सर्वेश सिंह, क्षेत्रीय महाप्रबंधक ,मुख्यालय के विभागाध्यक्ष, स्थानीय जन प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी व कर्मचारी जयंत एवम् दुधीचुआ स्थित निर्मित सीएचपी स्थल से इस कार्यक्रम के साक्षी बने l

उद्धाटन की गयी उल्लेखनीय परियोजनाओं में जयंत ओसीपी, सीएचपी-साइलो और दुधीचुआ ओसीपी, सीएचपी-साइलो शामिल हैं। जयंत ओसीपी, सीएचपी-साइलो की क्षमता 15 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है और इसे 723.50 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया गया है। इसी प्रकार दुधीचुआ ओसीपी सीएचपी-साइलो की वार्षिक क्षमता 10 मिलियन टन है और इसे 670.19 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि ये परियोजनाएं कोयला निकासी प्रक्रियाओं में दक्षता और स्थिरता का नया युग प्रारंभ करेंगी l परिवहन समय और लागत दोनों को कम करेंगी, जिससे समग्र उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त ये परियोजनाएं लॉजिस्टिक्स को अधिकतम और कार्बन उत्सर्जन को कम करके गुणवत्ता वाले कोयले के प्रेषण और इसके वितरण के लिए एक हरित और पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण में योगदान देंगी।

गौरतलब है कि एफएमसी परियोजनाएं सड़क और मैन्युअल लोडिंग के माध्यम से कोयला परिवहन को खत्म करने के लिए मशीनीकृत कन्वेयर सिस्टम और कम्प्यूटरीकृत लोडिंग सिस्टम (आरएलएस/साइलो) की क्षमता निर्माण पर केंद्रित हैं।

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