Lalitpur-Singrauli Railway Line: ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के मुआवजे से जुड़ी ताजा अपडेट; जानिए

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Lalitpur-Singrauli Railway Line: ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन (Lalitpur-Singrauli Railway Line) के मुआवजे से जुड़ी एक ताजा अपडेट सामने आ रही है।

ताजा अपडेट ये है कि ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन (Lalitpur-Singrauli Railway Line) से प्रभावित देवसर के डेढ़ दर्जन गांवों की आराजियों में से अभी विवादित प्रकरणों व छूटे हुए रकबों का भुगतान नहीं हो पाया है, क्योंकि खरीद-बिक्री, बंटवारा एवं निर्माण पर रोक लगने के बाद केवल मुआवजे के लिए पक्के निर्माण किए गए हैं। अब जब 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हो चुका है और करीब 80 करोड़ का मुआवजा वितरण शेष है तब रेलवे (Railway) को अनैतिक आर्थिक चपत की याद आई है।

पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) के उप मुख्य अभियंता निर्माण (sidhi) राजेश कुमार खरे ने गत 20 फरवरी को कलेक्टर को पत्र भेजकर छीवा की दो आराजियों पर बाहरी लोगों द्वारा बनाए गए पांच मकानों को अवैध घोषित कर रेलवे को अनैतिक आर्थिक चपत से बचाने की गुहार लगाई है।

रेलवे (Railway) के पत्र से अब उन गांवों की छूटी आराजियों पर किए गए निर्माण का भुगतान भी अटक सकता है। रोक के बाद किए गए निर्माण का एक बार मूल्यांकन हो गया था, लेकिन कलेक्टर के निर्देश पर ऐसे निर्माण का दोबारा जांच के साथ मूल्यांकन हुआ था।

ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन (Lalitpur-Singrauli Railway Line) को लेकर उप मुख्य अभियंता ने कहा है कि इन छूटे रकबों पर निर्मित मकानों का पूर्व में आवासीय मकान मानकर मूल्यांकन किया गया है, जो उचित नहीं है। सभी मकान गैरआवासीय अनुपयोगी हैं। ऐसे में इन्हें अवैध घोषित करें या गैर आवासीय मकानों का उचित दरों से मुआवजा तय हो, ताकि रेलवे (Railway) को आर्थिक क्षति न हो।

 

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