CIL: कोल इंडिया (coal india) के कोलकाता स्थित मुख्यालय में पीड़ित कोल कर्मियों (coal workers) व उनके परिजनों के द्वारा मेडिकल अनफिट (medical Unfit) यानी 9.4.0 की मांग को लेकर बुधवार को जो धरना (Strike) किया गया, उसमें कोल इंडिया (coal india) प्रबंधन की मानवीय संवेदनाओं के परे जाने वाली तस्वीर सामने आई है।
दरअसल, मेडिकल अनफिट (medical Unfit) के इस धरने (Strike) में पुलिसिया दमन ने देशभर के पीड़ितों के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। हुआ ये कि कोल इंडिया (coal india) प्रबंधन के लोगो ने मानवीय संवेदनाओं को भी नजरंदाज कर पुलिस के दम पर धरना (Strike) खत्म कराने कोई कसर नहीं छोड़ी। स्थिति ये रही कि धरने (Strike) पर बैठे ऐसे कोल कर्मियों (coal workers) को भी जबरन हटाने में पुलिस ने पुलिस ने जरा भी संकोच या रियायत नहीं बरती, जो लोग खुद चलने-फिरने के लायक नहीं हैं और उन्हें एम्बुलेंस व व्हीलचेयर के द्वारा धरना (Strike) स्थल पर लाया गया था। पीड़ितों का आरोप है कि कोल इंडिया (coal india) प्रबंधन के इशारे में स्थानीय पुलिस ने धरने को रोकने के लिए पहले तो धरनारत (Strike)आश्रितों को पुलिस जबरन पकड़कर अपने साथ ले गई और फिर महिलाओं और व्हील चेयर में बैठे शारीरिक रूप से अक्षम कोल कर्मियों को जबरन हटा दी।
पीड़ित बताते हैं कि उन लोगो को जब स्थानीय पुलिस पकड़कर ले गई थी उन्हे सुबह करीब साढ़े 11 बजे से दिनभर पुलिस स्टेशन में भूखे प्यासे बैठाए रखी और फिर शाम करीब 4.40 बजे ये कहते हुए छोड़ दी कि धरना नहीं दे सकते, कोर्ट से धरने (Strike) का आदेश लेकर आओ।
पीड़ित ये भी कहते हैं कि कुल मिलाकर इस पूरे घटनाक्रम से ये तो स्पष्ट हो गया कि कोल इंडिया (coal india) प्रबंधन अभी तक मेडिकल अनफिट (medical Unfit) यानी 9.4.0 को बहाल करने का कह रहा था या जो कुछ भी कर रहा था वह सिर्फ दिखावा है, तभी तो सिर्फ बैठकों में मेडिकल अनफिट (medical Unfit) यानी 9.4.0 की बात कर खानापूर्ति कर देता है, लेकिन मेडिकल अनफिट (medical Unfit) यानी 9.4.0 को बहाल नहीं किया।
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