Miniratna NCL: MSME के साथ NCL आयोजित कर रहा वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम; जानिए क्यों?

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Miniratna NCL: भारत सरकार की मिनिरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (Miniratna NCL), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम कार्यालय, शाखा रीवा के साथ मिलकर वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम (Vendor Development Program) का आयोजन कर रही है।

शुक्रवार से अधिकारी क्लब, सिंगरौली में आयोजित हो रहा यह कार्यक्रम (Vendor Development Program) 15-16 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम (Vendor Development Program) का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना तथा नई खरीद नीति व जेम पोर्टल के बारे में सभी विक्रेताओं को जागरूक करना है।

इस दौरान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) के सीएमडी बी. साईराम और विशिष्ट अतिथि के रूप में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास कार्यालय, इंदौर के प्रभारी निदेशक डी. डी. गजभिए उपस्थित रहे।

Miniratna NCL: MSME के साथ NCL आयोजित कर रहा वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम; जानिए क्यों?

इस दौरान कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सीएमडी मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) बी. साईराम ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास की अवधारणा देश की औद्योगिक प्रगति से जुड़ी हुई है एवम् वांछित जीडीपी दर को हासिल करने के लिए इन उद्यमों का विकास होना अनिवार्य है। भारी उद्योगों के विकास हेतु जरूरी इनपुट एमएसएमई से ही मिलता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के द्वारा जारी की गई दिशानिर्देशों का अक्षरश: पालन करना एनसीएल का नैतिक उत्तरदायित्व है।

इस दौरान उन्होंने विश्वास जताया कि मिनीरत्न एनसीएल (Miniratna NCL) अपने आस पास के क्षेत्र के उद्यमों के विकास में निरंतर सहभागिता सुनिश्चित करती रहेगी।

साथ ही कंपनी, एमएसएमई संवर्ग की महिला उद्यमियों व एससी/एसटी आरक्षित वर्ग के लिए भी निरंतर उन्नति के अवसर सुनिश्चित करती रहेगी। अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने जेम पोर्टल को पारदर्शी और ग्राहक अनुकूल बताते हुए इसके प्रयोग को सुदृढ़ करने हेतु सभी को प्रेरित किया।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डी. डी. गजभिए ने उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए , सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसएमई सेक्टर का देश की कुल जीडीपी में 28% का योगदान है तथा यह कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर का राष्ट्र के कुल निर्यात में 50% योगदान है । उन्होंने एमएसएमई ऐक्ट, 2006 के महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्रदान की।

ये भी रहे उपस्थित

इस अवसर पर एनसीएल निदेशक (तकनीकी/संचालन) जितेंद्र मलिक, निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना) सुनील प्रसाद सिंह, सहायक निदेशक, एमएसएमई डीएफओ (रीवा) क्रिस्टोफर मिंज, सहायक निदेशक, एमएसएमई (रीवा) अनिल घोष, बिजनेस फैसिलिटेटर, जेम मुख्यालय (दिल्ली) से सुबोध कांत, एनटीपीसी शक्तिनगर व विंध्यांचल से महाप्रबंधक, एनएमडीसी के प्रतिनिधि, एनसीएल मुख्यालय और क्षेत्रों से महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, अधिकारी कर्मचारी व बड़ी संख्या में विक्रेतागण उपस्थित रहे।

 

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