MP Police: रेत माफिया के शिकार हुए एएसआई महेंद्र बागरी (ASI Mahendra Bagri) का गृह ग्राम मसनहा (village Masnaha) में ससम्मान अंतिम संस्कार किया गया। उनके भतीजे ने मुखाग्रि दी।
सतना पुलिस अधीक्षक (Satna Superintendent of Police) आशुतोष गुप्ता और एसडीओपी विदिता डागर भी महकमे के जांबाज सिपाही की शहादत को नमन करने मसनहा पहुंचे। इससे पहले रविवार की दोपहर एएसआई महेंद्र बागरी का पार्थिव शरीर गृह ग्राम मसनहा पहुंचा। गांव भर में चीख पुकार मच गई। अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उनके घर के पास लगी हुई थी। मां, पत्नी और तीनों बेटियां भी पार्थिव शरीर के ही साथ गांव पहुंची थीं। उन्हें रोता-बिलखता देख वहां मौजूद रही हर आंख नम हो गई। हर कोई उनकी पत्नी को ढांढस बंधाने की कोशिश करता रहा। हालांकि वे खुद भी अपने आंसुओं की धार को नहीं रोक पाईं।
बता दें कि शहडोल जिले (Shahdol district) के ब्यौहारी में रेत माफिया (sand mafia) के द्वारा ट्रैक्टर से एएसआई महेंद्र बागरी (ASI Mahendra Bagri) को कुचल दिया गया।
सतना एसपी आशुतोष गुप्ता ने पूरी संवेदना के साथ एएसआई महेंद्र बागरी की शहादत को नमन किया। एसपी ने वीर जवान को सैल्यूट कर शहादत को नमन किया और अंतिम यात्रा के दौरान कंधा देकर पुलिस परिवार के मुखिया होने का फर्ज निभाया। महेंद्र को तिरंगा ओढ़ाया गया और फिर सतना पुलिस के जवानों ने अंतिम सलामी दी। दिवंगत एएसआई महेंद्र बागरी का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया। सतना पुलिस लाइन से गई जवानों की टुकड़ी ने वीर जवान को सलामी दी।
शहडोल से आए SDOP भी इस दौरान मौजूद रहे
बता दें कि महेंद्र की तीन बेटियां आयुषी (13), अनुश्री उर्फ परी (6) व अग्रिमा उर्फ शिवी (3) हैं। तीनो बेटियां मां दुर्गा बागरी के साथ शहडोल में ही पिता के पास रहती थीं। महेंद्र 2007 में शहडोल में आरक्षक पद पर भर्ती हुए थे। मार्च 2024 में ही उन्हें ब्यौहारी थाना में पोस्टिंग मिली थी। इसके अलावा एसडीओपी नागौद विदिता डागर (आईपीएस) , रिजर्व इंस्पेक्टर देविका सिंह बघेल,थाना प्रभारी सिंहपुर शैलेन्द्र पटेल, चौकी प्रभारी बाबूपुर राजेन्द्र त्रिपाठी ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपने बहादुर साथी को अंतिम विदाई दी। शहडोल से आए एसडीओपी भी इस दौरान मौजूद रहे।
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