Miniratna NCL: सिंगरौली में मिनीरत्न एनसीएल के द्वारा जयंत और दुद्धिचुआ खदानों के विस्तार के लिए 1 जुलाई से भूमि और संपत्ति का भौतिक सर्वेक्षण एनसीएल प्रबंधन, सिंगरौली जिला प्रशासन व टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (Tata Institute of Social Sciences) की संयुक्त टीम द्वारा शुरू किया जाना है।
लेकिन, मिनीरत्न एनसीएल के इस सर्वे का विरोध करने की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल, रविवार शाम मोरवा में फल मंडी के समीप एक आम सभा कर व्यापारियों ने स्थानीय लोगों से मिनीरत्न एनसीएल के शुरू होने जा रहे सर्वे का विरोध करने की अपील की है। उनकी मांग है कि एनसीएल प्रबंधन ने उनकी 24 सूत्री मांग पत्र पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं पुनर्वास स्थल और संपत्ति व जमीन के मुआवजे का रेट भी लोगों को नहीं बताया गया है। ऐसे में औने पौने दाम देकर एनसीएल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ना चाहता है।
लोगों का आरोप है कि पूर्व में भी मढौली वार्ड क्रमांक 10 के विस्तार के लिए एनसीएल प्रबंधन ने ऐसा ही रुक अख्तियार किया था। जिस कारण वहां के कई लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। शायद यही कारण है कि इस सर्वे को लेकर अब लोग कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं।
एनसीएल प्रबंधन पहले मोरवा का ब्लूप्रिंट जारी करे
आम सभा के माध्यम से मोरवावासियो ने एनसीएल प्रबंधन को चेतावनी भी दी है कि वार्ड क्रमांक 10 के मुआवजे को क्लियर कर आगामी समय में एनसीएल प्रबंधन मोरवा का ब्लूप्रिंट जारी करे। इसके साथ ही जमीन एवं परिसंपत्तियों का रेट लोगों को बताएं, जिसके बाद ही यहां नापी करे। वर्ना शुरू होने वाले नापी का लोग पुरजोर विरोध करेंगे। इसके लिए उन्होंने लोगों से अपील की है कि टीम जिस किसी के घर पर भी आये वह सभी को सूचित करें। यानी स्थानीय लोगों के रुख से अब एनसीएल प्रबंधन की राह आसान नहीं दिख रही।
सभा में कौन कौन रहे?
सभा में राजेश सिंह, भूपेंद्र गर्ग, सतीश उत्पल, संजय सिंह, नरेंद्र चंद्र सिंह, श्रद्धा जैसवाल, विनोद सिंह, शेखर सिंह, अभियुद्धय सिंह (डैनी) आदि के साथ सेकड़ो की संख्या में स्थानिय लोग मौजूद रहे।
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बता दें कि मिनीरत्न एनसीएल के द्वारा जयंत और दुद्धिचुआ खदानों के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण करने फरवरी माह में ही धारा 9 लगा दी गई थी। इसके बाद ड्रोन सर्वे भी किया गया था। वहीं इसके बाद से ग्राम मढौली, चटका, झिंगुरदह, पंजरेह एवं चूरिदाह की करीब 1485 हेक्टेयर भूमि के अधिकरण के लिए 1 जुलाई से भूमि और संपत्ति का भौतिक सर्वेक्षण एनसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन व टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (Tata Institute of Social Sciences) की संयुक्त टीम द्वारा आरंभ किए जाने की सूचना समाचार पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। जिसके मुताबिक आगामी 6 महीने में इन क्षेत्रों का नापी का कार्य पूर्ण किया जाना है।
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