NCL Singrauli: सिंगरौली (Singrauli) स्थित मिनीरत्न NCL में इन दिनों इंटक के ट्रेड यूनियन RCSS में असली-नकली की लड़ाई चल रही है।
दरअसल, NCL में ट्रेड यूनियन राष्ट्रीय कोलियरी श्रमिक संघ (RCSS) में कुछ माह पहले दो गुट में बट गया था और तभी से ये दोनो गुट खुद को असली होने का दावा कर रहे हैं। इसमें पहला गुट है पहले से RCSS के केंद्रीय महामंत्री रहे वीरेंद्र सिंह बिष्ट व अध्यक्ष ओपी मालवीय का। जबकि दूसरा गुट है लाल पुष्पराज सिंह का, इस दूसरे गुट में लाल पुष्पराज सिंह खुद को RCSS का केंद्रीय महामंत्री होने का दावा कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार दूसरे गुट पुष्पराज सिंह गुट ने भोपाल से रजिस्ट्रार ऑफिस से RCSS की नई कमेटी का रजिस्ट्रेशन कराया है।
ऐसे हालात में अब RCSS के ये दोनो गुट NCL प्रबंधन पर आईआर में शामिल करने का दवाब बनाए हुए हैं। जिससे NCL प्रबंधन भी असमंजस में है।
वहीं सूत्र बता रहे हैं कि RCSS में असली-नकली की लड़ाई अब अदालत तक पहुंच गई है और श्री बिष्ट ने कुछ समय पहले ही अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि सूत्र ये भी बता रहे हैं कि श्री बिष्ट ने इंटक सुप्रीमों संजीवा रेड्डी तक प्रयास किया लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। क्योंकि इंटक नेतृत्व मामले को अदालत ले जाने से नाराज बताया जा रहा है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि लाल पुष्पराज सिंह को संगठन से निकालने की कार्रवाई पर श्री रेड्डी ने नाराजगी जताते हुए उन्हें कमेटी में रखने की बात कही थी। लेकिन श्री रेड्डी की बात भी अनसुनी कर दी गयी।
ट्रेड यूनियन रजिस्टार द्वारा पुष्पराज सिंह के पक्ष में कागजात जारी करने के बाद श्री बिष्ट इंडस्ट्रियल कोर्ट रीवा एवं जबलपुर हाई कोर्ट पहुंचे। इंडस्ट्रियल कोर्ट ने तत्काल राहत देने से इंकार कर दिया था। अब इस मामले की सुनवाई 9 जुलाई को निर्धारित है। ऐसे में अब ये देखने लायक होगा कि RCSS में असली-नकली की लड़ाई में फैसला किसके पक्ष में होगा?
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