भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन 13 दिसंबर को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। हर्षवर्धन को दिल्ली की राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं। वह भारतीय जनता पार्टी से संबंधित हैं। 16वीं लोकसभा में दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि 18वें आम चुनाव में भाजपा ने उनको चांदनी चौक से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया। जिसके बाद डॉ हर्षवर्धन ने राजनीति को छोड़ने और अपने पुराने पेशे यानी की ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में काम करने की तरफ लौटने का फैसला किया। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर डॉ हर्षवर्धन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
राजनीति के पुरोधा
हर्षवर्धन दिल्ली की राजनीति के बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उन्होंने दिल्ली के इतिहास में आज तक एक भी चुनाव नहीं हारा है। साल 1993 में हुए पहली विधानसभा चुनाव में हर्षवर्धन ने कृष्णा नगर से जीत हासिल की। फिर वह भाजपा के मदन लाल खुराना सरकार में दिल्ली के पहले स्वास्थ्य मंत्री बने। इसके बाद वह साल 1993-1998 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री और कानून मंत्री सहित राज्य मंत्रिमंडल में विभिन्न पदों को संभाल चुके हैं।
दिल्ली में हर्षवर्धन के कद का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उनको केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के सीएम पद का प्रत्याशी बनाया गया था। इस दौरान भाजपा 32 सीटों के साथ पहली सबसे बड़ी पार्टी बनी और इसके बाद भाजपा दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई। साल 2019 में दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से जीत हासिल की और भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए।
हर्षवर्धन को जो भी जिम्मेदारी मिली, उसको उन्होंने बखूबी निभाया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने साल 1994 में पोलियो उन्मूलन अभियान चलाया। जोकि सफल रहा और इसको भारत सरकार द्वारा पूरे देश में अपनाया गया। इसके कारण हर्षवर्धन की ख्याति पूरे विश्व में हुई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर्षवर्धन को सम्मानित किया गया।











