Singrauli News: सिंगरौली (Singrauli) के दो होनहार दिव्यांग खिलाड़ियों ने स्टेट पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता-2024 (State Para Athletics Competition-2024) में गोल्ड मेडल (winning gold medal) हासिल करने का कमाल किया है।
इस कमाल से इन दोनों होनहारोंने अपने माता-पिता व जिले का मान बढ़ाया है। इन दोनों होनहार खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा प्रदेश स्तर पर मनवाया है बल्कि पैरा एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने की पात्रता भी हासिल की। ये कमाल करने वाले दो दिव्यांग खिलाड़ी हैं प्रदीप कुमार साकेत और अतुल कुमार जायसवाल। अहम बात ये है कि दोनों होनहार खिलाड़ियों के परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि इनके खेलकूद के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया करा पाएं। प्रदीप के पिता चालक हैं और वे गाड़ी चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं तो अतुल के पिता प्लांट में मजदूरी करते हैं। पारिवारिक व शारीरिक अड़चनों को पार करके दोनों होनहारों ने अपनी प्रतिभा का लोहा जिस तरह से प्रदेश स्तर पर मनवाया वह काबिलेतारीफ तो है ही, युवाओं के लिए प्रेरक भी है।
जानकारी के अनुसार प्रदीप ने 100 मीटर की दौड़ और अतुल जायसवाल ने गोला फेंक में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
इस प्रदेशस्तरीय पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता-2024 (State Para Athletics Competition-2024) का आयोजन भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में 17 व 18 अगस्त को हुआ था। जिसमें प्रदेशभर से प्रतिभावान दिव्यांग खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था।
गुजरात और दिल्ली में खेलेंगे राष्ट्रीय प्रतियोगिता
गोल्ड मेडल विजेता प्रदीप बताते हैं कि अब वह 100 मीटर दौड़ की स्पर्धा के लिए गुजरात में आयोजित होने वाली पैरा एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। इसी प्रकार से गोला फेंक की दिल्ली में आयोजित होने वाली पैरा एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अतुल हिस्सा लेंगे।
प्रदीप ने कहा है कि उनका सपना स्पोर्ट्स में ही कॅरियर बनाने का है। भले ही उनकी शारीरिक हालत कैसी भी हो, लेकिन उनका हौसला उनके साथ है। कहाकि स्पोटर्स के लिए प्रैक्टिस आवश्यक होती है। इसके लिए उनके लोकल कोच मुकेश तिवारी व जबलपुर के कोच जिनके साथ प्रतियोगिता में शामिल हुये, दोनों का अहम योगदान रहा। परिवार ने भी पूरा सपोर्ट किया।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए कलेक्टर से मदद की आस
प्रदीप कहते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थितियां स्ट्रांग न होने से उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने में अड़चन आ सकती है। इसलिए उनकी उम्मीद जिला प्रशासन से है कि उन्हें व अतुल को भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जाने के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान करें। इसके लिए कलेक्टर तक अपनी जरूरत को पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे वे जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकें।
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