Navratri 2024: देवी दुर्गा के लिए व्रत-उपवास और विशेष पूजा-आराधन का पावन अवसर आश्विन मास की शारदीय नवरात्रि गुरुवार, 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और इस दौरान 11 अक्टूबर तक देवी पूजन चलेगा।
11 तारीख को तिथियों की घट-बढ़ की वजह से दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी एक ही दिन मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगी।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
मान्यता है कि देवी मां शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल प्रिय हैं। पूजा थाली में इन फूलों को जरूर शामिल करें। सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करें और इसके बाद उन्हें रबड़ी, फल और मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं और जातक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
मां शैलपुत्री मंत्र
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
शारदीय नवरात्रि के दौरान की जाती है माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
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