Diwali News: मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महीप किशोर तेजस्वी द्वारा बताया कि नगरीय निकाय/ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत् कुम्हारसमुदाय के परम्परागत शिल्पियों द्वारा मिट्टी के दीपक एवं अन्य उत्पाद बनाये जाते हैं।
जिन्हें विभिन्न त्यौहारों के अवसरों पर बाजारों में विक्रय हेतु लाया जाता है, यह इनके जीवनयापन का मुख्य आधार है। दीपावली (Diwali) के अवसर पर एवं अन्य पारम्परिक त्योहारों पर माटीकला क्षेत्र से जुड़ेशिल्पियों कारीगरों को नगरीय /निकाय /ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाट बाजारों में उचित स्थाननहीं मिल पाता है। शिल्पियों की आय अल्प होती है और स्थानीय निकायों द्वारा इनसे विभिन्न प्रकार के कर भी वसूले जाते हैं। इसके अलावा कुम्हार समाज के परम्परागत शिल्पियों / उद्यमियों द्वारा बनायेगये दीपक एवं माटी के अन्य उत्पाद काफी नाजुक होते हैं।परम्परागत माटी शिल्पियों को उनके गाटी उत्पादों( दीपक, खिलौने, सजावटी समान) को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय निकायों / ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वालेहाट बाजारों में उचित स्थान उपलब्ध करा कर विक्रय की व्यवस्था की जाएगी।
बता दें कि जिससे शिल्पियों से किसी भी प्रकार की कर वसूली न की जाए ताकि मिट्टी के दियों के उपयोग कोप्रोत्साहन मिल सकें।
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