इन शहरों में शुरू हुआ डिजिटल रुपये, RBI ने दी बड़ी जानकारी !

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Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश भर में डिजिटल रूपए के लेन-देन के लिए एक बड़ा प्रचार शुरू किया गया है। आरबीआई 1 दिसंबर यानी आज से रिटेल डिजिटल रुपी (e₹-R) की पहली पायलट स्कीम लॉन्च करने जा रहा है। सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की और अब देश भर में डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।

आरबीआई ने CBDC नामित किया

रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी का नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) रखा है। इससे देश को कैशलेस बनाने में भी काफी मदद मिलेगी। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि सरकार के इस कदम से यूपीआई पर असर पड़ेगा या पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसी सुविधाओं पर-

मोबाइल वॉलेट और डिजिटल मुद्राओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब बात डिजिटल वॉलेट और मोबाइल वॉलेट की आती है तो दोनों के बीच कोई मुकाबला नहीं है. कैशलेस प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल भुगतान एक नया तरीका है। पहले आपको एक बार डिजिटल रुपये खरीदने होंगे और उसके बाद आप अपने वॉलेट से लेनदेन कर सकते हैं।

यह एक ब्लॉकचेन आधारित प्रणाली है

हम आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी एक तरह का ब्लॉकचेन बेस्ड डिजिटल सिस्टम है, जिसके तहत आप लेनदेन कर सकेंगे। इसके अलावा, खुदरा लेनदेन के लिए मुद्रा में आपको बैंक शामिल करने की आवश्यकता नहीं होती है, यानी आप इसके बिना लेनदेन कर सकते हैं। यह सिस्टम यूपीआई से काफी अलग है।

यह किस शहर में शुरू होगा?

सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण में इसे 4 शहरों में लॉन्च किया जाएगा. शुरुआत में इसे मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद इसे हैदराबाद, अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक विस्तारित करने की योजना है।

कौन से बैंक शामिल होंगे?

इसके अलावा एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी सबसे पहले फर्स्ट बैंक से शुरुआत करेंगे। वहीं, बाद में इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, कोटक बैंक और एचडीएफसी बैंक शामिल होंगे।

नोटों की छपाई में हजारों करोड़ रुपए खर्च होते हैं

डिजिटल करेंसी आने के बाद सरकार को नोट छापने के भारी खर्च से राहत मिलेगी। अभी सरकार को 100 रुपए का नोट छापने में करीब 15 से 17 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, एक नोट करीब 4 साल तक चलता है। केंद्रीय बैंक हजारों करोड़ रुपए सिर्फ नोट छापने में खर्च करता है। वहीं, डिजिटल करेंसी की कीमत बिल्कुल जीरो है। साथ ही नकली नोटों की समस्या भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

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