प्रसाद एटीएम लगाने का उद्देश्य था कि भक्तों को बिना लाइन में लगे आसानी से प्रसाद मिल सके। यह सुविधा खासकर भीड़भाड़ वाले दिनों में लाभकारी मानी जा रही थी। लेकिन मशीन में लगातार आ रही तकनीकी खराबियों, ट्रांजेक्शन फैल्योर और वितरण में रुकावट से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
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आए दिन होती थी दिक्कत
उप प्रशासक एसएन सोनी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह प्रयोग किया था, लेकिन मशीन में लगातार आ रही दिक्कतों से इसे फिलहाल हटा दिया है। तकनीकी पक्ष को देखते हुए भविष्य में इसे दोबारा लगाने पर विचार किया जा सकता है। इसकी जगह मैन्युअली लड्डू प्रसाद काउंटर खोल दिया जाएगा। महाकाल मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में प्रसाद वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए यह एटीएम मशीन लगाई थी, जिसे प्रसाद वेंडिंग मशीन के नाम से भी जाना गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया था शुभारंभ
महाकाल देश का पहला ऐसा मंदिर रहा, जहां ये हाईटेक सुविधा शुरू हुई थी। इसका शुभारंभ छह महीने पूर्व यानी जनवरी 2025 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आदि ने किया था।

भोपाल के दानदाता ने दिखाई थी रुचि
भोपाल के एक दानदाता ने शुरुआत में दो मशीनों को मंदिर में देने में रुचि दिखाई थी, जिसके बाद कोयम्बटूर की 5जी टेक्नोलॉजी कंपनी को लड्डू प्रसादी पैकेट की ऑटोमैटिक मशीन का ऑर्डर दिया गया। इसमें प्रसादी पैकेट मशीन से निकालने के लिए कैश और क्यूआर कोड का भी ऑप्शन था। मशीन में 100 ग्राम से लेकर 500, 200 ग्राम और 1 किलोग्राम तक के पैकेट रखे गए थे। मशीन में 130 पैकेट एक बार में रखने की क्षमता थी, इसके बाद मशीन को दोबारा रिफिल करना पड़ता था।
अभी काउंटर से मिलता है प्रसाद
उप प्रशासक सोनी के अनुसार वर्तमान में बाबा महाकाल का प्रसाद 200 ग्राम, 500 ग्राम, 1 किलोग्राम का पैकेट में समिति के अलग-अलग काउंटरों से मिलता है। मंदिर समिति की ओर से वहां पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं।