वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने भी प्रदेश के 55 पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस और 13 ऑटोनॉमस कॉलेजों में आइआइटी दिल्ली के सहयोग से दो तरह के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से संबंधित कोर्स शुरु किए हैं। यह दोनों सर्टिफिकेट कोर्स हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और फिनटेक विथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शामिल हैं।
फैकल्टी भी हो रही है अपस्किल
नए मॉड्यूल के लिए फैकल्टी मेंबर्स को भी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें एआइ टूल्स और तकनीकों की जानकारी दी जा रही है ताकि वे छात्रों को बेहतर तरीके से मार्गदर्शन दे सके। एनआइटीटीटीआर के निदेशक डॉ. सीसी त्रिपाठी ने बताया कि एआइ टूल्स की जानकारी के लिए साल भर से हजार से अधिक टीचर्स को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया है।यहां टीचर्स को पेडागोजी एवं इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है।
निटर का फोकस भी एआइ और एमएल
एनआइटीटीटीआर का पूरा फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) पर ही है। निटर के डीन कॉरपोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशंस प्रो. पीके पुरोहित ने बताया कि संस्थान के सभी पीजी प्रोग्राम इस साल से एआई आधारित होंगे। भविष्य में टीचिंग-लर्निंग की सारी प्रोसेस एआइ पर ही आधारित होगी।
विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में होंगे सक्षम विद्यार्थी
हमारे विश्वविद्यालय ने समय की मांग को समझते हुए सिलेबस में एआइ और उससे जुड़ी तकनीकों को शामिल किया है। यह बदलाव न केवल छात्रों को उद्योग के अनुरूप तैयार करेगा, बल्कि उन्हें ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भी सक्षम बनाएगा। फैकल्टी को भी लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे। इंजीनियरिंग के सिलेबस में भी एआइ मॉड्यूल के आधार पर बदलाव किया जा रहा है।- डॉ. मोहन सेन, रजिस्ट्रार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
इन कोर्सेज को किया जा रहा इंट्रोड्यूस
- रोबोटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग)
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस