Singrauli News, सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल ने चुनाव के समय जनता से किये वादों को अमली जामा पहनना भले शुरू कर दिया है, लेकिन उनके इस वादे को पूरा होने देने में रुकावटें भी पीछा नहीं छोड़ रही हैं। ताज़ा मामला, महापौर श्रीमती अग्रवाल द्वारा निगम क्षेत्र में बाजार बैठकी की नीलामी पर रोक लगा से जुड़ा है। जिसमें उन्होंने भले ही एमआईसी की बैठक में सर्वसम्मति से नीलामी पर रोक लगाने का निर्णय करा लिया था लेकिन नगर निगम आयुक्त ने महापौर के इस निर्णय को एजेंडे में ही शामिल नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, महापौर के इस फैसले से सियासी गलियारों के सफेदपोशो से ज्यादा निगम के कर्मियों की सांसे फूलने लगी हैं।
सूत्रों की मानें तो इसी प्रस्ताव के कारण परिषद की बैठक आगामी 12 दिसम्बर को होनी थी जिसकी फाइल अनुमोदन के लिये महापौर श्रीमती अग्रवाल के पास भी गई थी लेकिन उन्होंने परिषद् बैठक की फाइल को अनुमोदन नही किया और आपत्ति की कि परिषद के एजेण्डे में बाजार बैठकी का प्रस्ताव क्यों नही जोड़ा गया?
अभी इस मामले में अध्यक्ष व मेयर के बीच तकरार जैसी स्थिति बन रही है। इससे जनहित के मुद्दे भी प्रभावित होंगे इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है। वही ये सवाल भी उठ रहा है कि जनता से जुड़े बैठकी के इस मामले को आयुक्त ने परिषद के प्रस्ताव में क्यों नहीं जोड़ा और दूसरा सवाल ये भी उठ रहा है कि कहीं निगम के अन्य प्रस्ताव की तरह कहीं ये प्रस्ताव भी धूल तो नहीं फांकते रह जायेगा?
दूसरी ओर खुद महापौर श्रीमती अग्रवाल ने भी बैठकी के मसले को एजेंडे में निगमायुक्त द्वारा शामिल नही करने को लेकर आपत्ति जाहिर कर एक बयान भी जारी किया है, जिसमे उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जनहित के मसलो पर सियासत के बजाए एकराय होना चाहिए।