साहब जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ के साथ संभाल रहे थे सामाजिक न्याय का प्रभार, अब देवसर जनपद के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का भी निभा रहे दायित्व…
हेडिंग पढ़कर चौंकिए नहीं, ये सिंगरौली की प्रशासनिक व्यवस्था की सच्चाई है। जिला बनने के लगभग डेढ़ दशक बाद भी विभिन्न विभागों में स्वीकृत पद पूरे भर नहीं पाए हैं। संविदा और कलेक्टर दर पर रखे गए या शिक्षा विभाग से उधार पर लिए गए कर्मियों के सहारे पूरी मशीनरी है। एक अधिकारी दो-दो विभाग संभाल रहा है तो दो-दो तहसील का भी जिम्मा भी एक अधिकारी के मार्फत पूरा किया जा रहा है। इसी बीच एक रोचक स्थिति भी बन गई है। दरअसल, सिंगरौली जिले की प्रशासनिक मशीनरी में विद्यमान मोदी जी भी चतुर्भुज बना दिए गए हैं। फिलहाल लोग इन्हें जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ अनुराग मोदी के रूप में जानते-मानते हैं। देश की पूरी कार्यपालिका का दायित्व अपने कंधों पर लेकर दुनिया में अपने देश का रुतबा बढ़ा रहे पीएम नरेन्द्र मोदी कभी प्रभार या फिर काम का दबाव न होने की बात कहते हैं, वैसे ही जिले के चतुर्भुज मोदी जी भी चार-पांच अलग-अलग के प्रभार होने के बाद भी चिंतामुक्त नजर आते हैं।
मोदी नाम के आगे तीन-तीन सीईओ!
जिपं का एडिशनल सीईओ होने के साथ-साथ साहब पर सामाजिक न्याय और दिव्यांगों के कल्याण का भी दायित्व था। करीब दो-तीन माह पहले देवसर जनपद के भारी भरकम सीईओ बीके सिंह सेवानिवृत्त हुए तो इन्हें उसका दायित्व दे दिया गया। सोचिए, पचास किमी दूर जनपद पंचायत का जिम्मा मिलने के बाद वहां कितना समय देते रहे होंगे। इसी बीच जिला पंचायत सीईओ की तरक्की हो गई और वे सीधी के कलेक्टर बना दिए गए। उनकी जगह जिस साहब का ट्रांसफर शासन ने किया था वे आए नहीं, ऐसे में वे सीईओ का राजपाट मोदी जी को देकर कलेक्टर बन गए। इस तरह अनुराग मोदी प्रभार के मामले में चतुर्भुज हो गए।
– साहब के कार्यों की भी है खूब चर्चा
लगभग माहभर से यह स्थिति है। इसी बीच साहब ने लाखों के घोटाले के आरोपी सचिवों को बहाल कर चुके हैं। नशा मुक्ति अभियान को जमीन पर उतरवाने का दायित्व भी बखूबी निभा रहे हैं। यह बात और है कि शिक्षण संस्थान इसके लिए आया बजट पाने के लिए उनकी ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं।