वंचित हितग्राहियों की समस्याएं
वंचित हितग्राहियों की समस्याएं हैं कि ई-केवाईसी नहीं होने से सिस्टम में नाम लॉक हो गया है। समग्र आईडी में विवरण गलत होने से पात्रता पर रोक लग गई है। पोर्टल अपडेट न होने से राशन वितरण सूची में नाम नहीं है। कुछ उपभोक्ता बार-बार आवेदन के बावजूद अपडेट नहीं हो पाए। लोगों की मांग है कि समग्र आईडी अपडेट की प्रक्रिया को सरल और त्वरित किया जाए, अस्थायी राहत के तौर पर राशन वितरण शुरू हो, जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
मई माह में 11 हजार ने नहीं लिया राशन
बात दें कि जिले में माह मई में 11 हजार 850 उपभोक्ता ऐसे हैं जो राशन लेने नहीं पहुंचे हैं, इसकी मुख्य वजह यह है कि या तो उनके नाम कट गए हैं या फिर पलायन कर गए हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं कि फिंगर आदि न लगने के कारण राशन के लिए मोहताज हैं। बता दें कि मई माह में 2 लाख 40 हजार 65 परिवारों में से 2 लाख 30 हजार 215 लोगों को राशन यानि कि 95.10 प्रतिशत लोगों को राशन मिला था।
ऐसे समझें लोगों की पीड़ा
केस 01: शहर निवासी रामदास गुप्ता ने बताया कि 8 माह पहले समग्र में बहु का नाम जुड़वाने का आवेदन दिया, उसके बाद से अबतक पात्रता पर्ची जारी नहीं हुई। पूरे परिवार का राशन बद हो गया है। आठ माह से परेशान हैं।
केस 02: रामू गुजराती निवासी रामनिवास सिंह वार्ड ने बताया कि कई साल से वह कटनी में रह रहे हैं, लेकिन वे राशन की पात्रता पर्ची से वंचित हैं। कभी समग्र में त्रुटि तो कटनी इ-केवायसी के नाम पर भटकाया जा रहा है।
केस 03: शहर के रामनिवास सिंह वार्ड निवासी सुबोध सेन ने बताया कि कई माह से उनको राशन नहीं मिल रहा है। कलेक्ट्रेट, नगर निगम में कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन दस्तावेजों में कमियां निकालकर योजना से वंचित किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
- 940991 है जिले में पीडीएस हितग्राहियों की संख्या।
- 3167 लोगों की इ-केवायसी हैं एप्रूवल के लिए पेंडिंग।
- 1041 लोगों की पोर्टल से रिजेक्ट हो गई है इ-केवायसी।
- 812456 लोगों ने करा ली है अबतक इ-केवायसी।
- 127535 लोगों की शेष है जिले में इ-केवायसी।
- 15 हजार से अधिक डबल व डुप्लीकेट समग्र की गईं डिलीट।
खाद्य अधिकारी ने कही यह बात
सज्जन सिंह, जिला खाद्य अधिकारी ने कहा कि मई माह में केवायसी उपभोक्ताओं को कराना था, अब 30 जून तक का समय है, इसके बाद भी लोग केवायसी नहीं करा रहे हैं। जैसे ही केवायसी करा लेंगे, राशन मिलना शुरू हो जाएगा। जिले में 87 प्रतिशत केवायसी हो चुका है। कई लोग बाहर है, इसलिए भी समस्या है।