मप्र उच्च न्यायालय ने प्रभावित उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा का आदेश दिया |

By
On:
Follow Us

इंदौर, एक जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने चिकित्सा क्षेत्र के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए चार मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के दौरान बिजली गुल हो जाने से प्रभावित उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा लिए जाने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय ने देश के सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय के सिद्धांत को स्थापित करने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का हवाला देते हुए कहा है कि इन उम्मीदवारों की कोई भी गलती न होने के बावजूद उन्हें बिजली कटौती के कारण नुकसानदेह स्थिति में डाल दिया गया था।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने नीट-यूजी के कई उम्मीदवारों की याचिकाओं पर सभी संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला पिछले माह सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ताओं के वकील मृदुल भटनागर ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें अदालत के 23 जून के आदेश की प्रति मिल गई है। उन्होंने बताया कि इंदौर और उज्जैन में नीट-यूजी परीक्षा में बैठे करीब 75 उम्मीदवारों को इस आदेश का फायदा मिलेगा जिनके परीक्षा केंद्र में बिजली गुल हो गई थी।

एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद अनुच्छेद 14 के तहत हस्तक्षेप का मामला बनता है क्योंकि उनकी कोई भी गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें बिजली कटौती के कारण प्रतिकूल स्थिति में डाल दिया गया था। यह स्थिति अन्य परीक्षा केंद्रों और यहां तक कि उसी परीक्षा केंद्र में भी नहीं थी जहां कुछ उम्मीदवार पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश वाले अनुकूल स्थानों पर बैठे थे।’’

उच्च न्यायालय ने याचिकाओं को स्वीकृत करते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को आदेश दिया कि वह संबंधित उम्मीदवारों की जल्द से जल्द दोबारा परीक्षा ले और इसका नतीजा घोषित करे।

एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका यह आदेश केवल उन उम्मीदवारों पर लागू होगा जिन्होंने नीट-यूजी परीक्षा की अनंतिम उत्तर कुंजी जारी करने की तारीख तीन जून से पहले अपनी याचिकाएं दायर की थीं।

उच्च न्यायालय में बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि चार मई को आयोजित नीट-यूजी के दौरान मौसम खराब होने के बाद बिजली गुल होने से प्रवेश परीक्षा में उनका प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ था और उन्हें परीक्षा में दोबारा बैठने का मौका दिया जाना चाहिए।

उधर, एनटीए की ओर से पैरवी करते हुए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक समिति की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि अधिकांश परीक्षा केंद्रों में बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी तथा विद्युत वितरण कम्पनी से शिकायत किए जाने के तुरंत बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई थी।

मेहता ने बहस के दौरान यह भी कहा था कि नीट-यूजी के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में मोमबत्ती, आपातकालीन लाइट, पावर बैकअप और इन्वर्टर जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की गई थीं।

भाषा हर्ष खारी

खारी

Source link

For Feedback - vindhyaajtak@gmail.com 
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment

Live TV