Manipur Violence | मणिपुर में शांति लौटने के सकारात्मक संकेत, मेइती-कुकी वार्ता को प्रोत्साहित किया जा रहा, आरएसएस कराएगी सुलह?

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दिल्ली में मणिपुर के मैतेई और कुकी समूहों के साथ केंद्र सरकार की बातचीत के बीच, आरएसएस ने सोमवार को कहा कि वह दोनों समुदायों को एक साथ लाने में शामिल है और राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष का समाधान “ढूंढ लिया जाएगा”। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ ने मैतेई और कुकी दोनों के साथ संवाद स्थापित किया है। शुक्रवार से रविवार तक आयोजित संघ की प्रांत प्रचारक बैठक के समापन के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, “जब किसी क्षेत्र में हालात बिगड़ते हैं, तो वे एक दिन में ठीक नहीं हो जाते। लेकिन पिछले साल की तुलना में, (मणिपुर में) थोड़ी शांति है। दोनों तरफ (विभाजन के) जिस तरह का संवाद हो रहा है, हमें विश्वास है कि समाधान निकल आएगा।”

 मणिपुर में तनाव में कमी लाने का प्रयास  

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार को कहा कि उसके स्वयंसेवक जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच बातचीत को बढ़ावा देकर राज्य में तनाव में कमी लाने का प्रयास कर रहे हैं और धीरे-धीरे शांति लौट रही है।
आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति और राज्य में हो रहे सकारात्मक घटनाक्रमों के बारे में जानकारी साझा की।

 देशभर से लोग बैठक में शामिल होने आए

आंबेकर ने रविवार को संपन्न हुई बैठक के निष्कर्षों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘देशभर से लोग बैठक में शामिल होने आए। उन्होंने यह भी जानकारी साझा की कि (आरएसएस के) स्वयंसेवक कैसे जल्द से जल्द वहां (मणिपुर में) शांति बहाल करने और सद्भाव स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए वे (आरएसएस के स्वयंसेवक) मेइती और कुकी समुदायों तथा सभी लोगों के बीच बातचीत को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि उनके बीच अच्छा माहौल बने। वे इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।’’

 जब कहीं हालात बिगड़ते हैं, तो एक दिन में नहीं सुधर जाते

आंबेकर ने दावा किया कि मणिपुर में पिछले साल के मुकाबले स्थिति में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके (प्रतिनिधियों के) अनुभव से कई सकारात्मक बातें सामने आई हैं। (स्थिति को पूरी तरह से सामान्य होने में) कुछ और समय लगेगा, लेकिन उनके (आरएसएस की बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधियों) माध्यम से कुछ सकारात्मक खबरें मिली हैं।’’
विपक्ष के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि राज्य में हालात सामान्य नहीं हैं, आंबेकर ने कहा, ‘‘जब कहीं हालात बिगड़ते हैं, तो एक दिन में नहीं सुधर जाते, लेकिन निश्चित रूप से अगर पिछले वर्षों से तुलना करें, तो कुछ हद तक शांति लौटनी शुरू हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शांति प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों पक्षों के बीच हो रही बातचीत आगे बढ़ेगी।’’
आंबेकर ने बाद में एक बयान में कहा कि संघ के स्वयंसेवक मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों (मेइती और कुकी) से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके कारण जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।’’
मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच मई 2023 से जारी जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

केंद्र ने 13 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। वहीं, राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया था जिसका कार्यकाल 2027 तक है।
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे की कथित टिप्पणी कि यदि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में लौटी तो संघ पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, इसके बारे में पूछे जाने पर आंबेकर ने कहा, ‘‘संघ पर पहले भी प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन उन्हें इसे हटाना पड़ा… क्योंकि यह (प्रतिबंध) कानून के अनुसार वैध नहीं था।



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