हितेन चौहान/बालाघाट: Balaghat News बालाघाट में आफत की बारिश ने एक बार फिर प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। जिले के बिरसा क्षेत्र से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो इंसानियत को झकझोर कर रख देती है। लगातार बारिश से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं समनापुर बांधाटोला की बैगा बस्ती में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
Balaghat News भारी बारिश में एक बैगा परिवार का मकान ढह गया और इसी मलबे के बीच प्रसव पीड़ा से जूझ रही उषा बैगा ने गांव की महिलाओं की मदद से पराली बिछाकर जमीन पर हीं एक नवजात को जन्म दिया। लेकिन बदकिस्मती जन्म लेते ही उस मासूम ने दम तोड़ दिया।
समय पर ना एंबुलेंस और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी वहां पहुंच पाया। अब हालात ये हैं कि प्रसूता मां को भी मदद नहीं मिल पा रही है। गांव तक कोई सड़क नहीं, चारों ओर नदी-नाले उफान पर हैं और प्रशासन की मदद कोसों दूर। ये बैगा बस्ती इस बारिश में पूरी तरह कट चुकी है, जहां पीड़ित परिवार सिर्फ आसमान की तरफ देखकर मदद की आस लगाए बैठा है।
बालाघाट बारिश हादसा किस क्षेत्र में हुआ?
बालाघाट जिले के बिरसा क्षेत्र की समनापुर बांधाटोला बैगा बस्ती में यह घटना घटी, जहां एक बैगा महिला ने मलबे में पराली पर बच्चे को जन्म दिया।
बालाघाट बारिश में किस वजह से नवजात की मौत हुई?
प्रसव के लिए समय पर स्वास्थ्य सुविधा या एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण नवजात की हालत गंभीर हो गई और जन्म के तुरंत बाद उसकी मौत हो गई।
क्या प्रशासन ने बालाघाट बारिश हादसे के बाद कोई कार्रवाई की है?
अभी तक पीड़ित परिवार को सीधी सरकारी मदद नहीं मिल पाई है, और गांव आज भी सड़क व संपर्क से कटा हुआ है।