जबलपुर: Jabalpur News: जबलपुर के मढ़ई इलाके में मंदिर की जमीन पर मस्जिद निर्माण को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषदऔर बजरंग दल ने सोमवार से तीन दिवसीय हल्ला बोल आंदोलन की शुरुआत की जिसके तहत कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई।
Jabalpur News: सोमवार को सैकड़ों कार्यकर्ता कारसेवा के लिए मढ़ई पहुंचे और प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़े। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वॉटर केनन का इस्तेमाल किया लेकिन इसके बावजूद कार्यकर्ता नहीं रुके और मस्जिद की ओर बढ़ते रहे। विहिप कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान मढ़ई मस्जिद के पास जिला प्रशासन की प्रतीकात्मक अर्थी फूंकी। मंगलवार को जबलपुर के विभिन्न इलाकों में अर्थी जुलूस निकाले जाने की योजना है जबकि बुधवार को जबलपुर बंद का ऐलान किया गया है।
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Jabalpur News: मढ़ई क्षेत्र में स्थित मस्जिद खसरा नम्बर 169 और 170 पर बनी हुई है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार खसरा नम्बर 169 की 2052 वर्गफुट जमीन ‘गायत्री बाल मंदिर’ के नाम पर दर्ज है। हालांकि मंदिर की ओर से अब तक कोई आधिकारिक दावा सामने नहीं आया है। इसके बावजूद विहिप और बजरंग दल मस्जिद को अवैध बताते हुए उसे हटाने की मांग कर रहे हैं। कलेक्टर न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है।
Jabalpur News: प्रशासन ने पहले एक फेसबुक पोस्ट के जरिए यह स्पष्ट किया था कि 1990 में हुए बंदोबस्त के दौरान खसरे में त्रुटिपूर्ण एंट्री हो गई थी और मस्जिद निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। हालांकि इस पोस्ट पर विवाद बढ़ने के बाद उसे फेसबुक पेज से हटा लिया गया। संभावित तनाव को देखते हुए प्रशासन ने मढ़ई मस्जिद परिसर की बैरिकेडिंग की है और इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है।
“मढ़ई मस्जिद विवाद” आखिर है क्या?
“मढ़ई मस्जिद विवाद” जबलपुर के मढ़ई क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद के निर्माण को लेकर है, जो खसरा नंबर 169 और 170 पर बनी है। विवाद इस बात को लेकर है कि यह जमीन गायत्री बाल मंदिर के नाम दर्ज है और मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है।
“मढ़ई मस्जिद विवाद” में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल क्यों शामिल हैं?
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी है, इसलिए वे इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर उन्होंने तीन दिवसीय ‘हल्ला बोल आंदोलन’ शुरू किया है।
“मढ़ई मस्जिद विवाद” में प्रशासन का क्या रुख है?
प्रशासन का कहना है कि 1990 में बंदोबस्त के दौरान खसरे में त्रुटिपूर्ण एंट्री हो गई थी और मस्जिद निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। मामला फिलहाल कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है।
“मढ़ई मस्जिद विवाद” के चलते क्या सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं?
हां, संभावित तनाव को देखते हुए मढ़ई मस्जिद परिसर की बैरिकेडिंग की गई है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।
क्या “मढ़ई मस्जिद विवाद” का कोई कानूनी समाधान निकला है?
फिलहाल नहीं। “मढ़ई मस्जिद विवाद” अभी कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है और किसी भी प्रकार का फैसला अब तक नहीं आया है।