सागर: Sagar News: जिले में रासायनिक खाद की कालाबाजारी की लगातार मिल रही किसानों की शिकायतों के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहजपुर रोड स्थित एक गोदाम पर छापा मारकर 848 बोरी खाद जब्त की है। यह कार्रवाई हर्षित जैन पिता सुरेश चंद्र दरबारी लाल जैन के गोदाम पर की गई जहां डीएपी, एनपीके, पोटाश और जिंक जैसे उर्वरकों का अवैध भंडारण किया जा रहा था।
Sagar News: छापेमारी की यह कार्रवाई बुधवार रात एसडीएम मुनव्वर खान के नेतृत्व में तहसीलदार प्रीति रानी चौरसिया, नायब तहसीलदार चंद्रभान दीवान, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी आर.एस. जरौलिया, पटवारी राशिद खान, दयाशंकर दुबे और स्थानीय पुलिस बल की उपस्थिति में की गई। जांच के दौरान गोदाम के पीछे बने तीन कमरों में भारी मात्रा में रासायनिक खाद का अवैध रूप से भंडारण पाया गया। जब्त की गई उर्वरकों में सुपर फास्ट ब्रांड की 300 बोरी, डीएपी की 90 बोरी, एनपीके की 450 बोरी और पोटाश की 8 बोरी शामिल हैं।
Sagar News: खास बात यह रही कि खाद विक्रेता के पास लाइसेंस होने के बावजूद वैधानिक दस्तावेज नहीं पाए गए, जिससे खाद की कालाबाजारी की पुष्टि हुई। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से गोदाम को सील कर दिया है। बता दें कि देवरी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में डीएपी और यूरिया की भारी किल्लत बनी हुई है। किसान समय पर खाद न मिलने से परेशान हैं वहीं कुछ व्यापारी इसका फायदा उठाकर डीएपी 2000 रुपए प्रति बोरी और यूरिया 800 रुपए प्रति बोरी की दर से बेच रहे हैं।
“सागर खाद कालाबाजारी” में कितनी खाद जब्त की गई है?
इस कार्रवाई में कुल 848 बोरी खाद जब्त की गई है जिसमें डीएपी, एनपीके, पोटाश आदि शामिल हैं।
“रासायनिक खाद कालाबाजारी” पर प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
प्रशासन ने गोदाम पर छापा मारकर खाद जब्त की और लाइसेंसधारी विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गोदाम को सील कर दिया।
“डीएपी की कालाबाजारी” किसानों को कैसे प्रभावित कर रही है?
डीएपी और यूरिया जैसे प्रमुख उर्वरकों की किल्लत के कारण किसान समय पर खाद नहीं ले पा रहे हैं जिससे उनकी फसलों की बुवाई और उत्पादन पर असर पड़ रहा है।
“खाद विक्रेता के पास लाइसेंस” होने पर भी क्या कार्रवाई की जा सकती है?
हाँ, यदि विक्रेता के पास आवश्यक वैधानिक दस्तावेज नहीं हैं या वह नियमानुसार भंडारण और बिक्री नहीं कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
“कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन” आगे क्या करेगा?
प्रशासन नियमित छापेमारी, जांच, और खाद वितरण की निगरानी के ज़रिए कालाबाजारी को रोकने का प्रयास कर रहा है।