अधिकारियों ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को कहा, “बाल तस्करी और भीख मांगने के लिए उनके शोषण को रोकने के उद्देश्य से, पंजाब सरकार ने सभी उपायुक्तों (डीसी) को निर्देश दिया है कि वे सड़कों पर वयस्कों के साथ भीख मांगते पाए जाने वाले बच्चों का डीएनए परीक्षण करें ताकि उनके रिश्ते की पुष्टि हो सके।” अब पंजाब की समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने रविवार को बताया कि लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर जिलों से भीख मांगने वाले 21 बच्चों को बचाया गया है।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चला रही है।
उन्होंने बताया कि लुधियाना में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों से 18 और एसबीएस नगर से तीन बच्चों को बचाया गया।
एक बयान में कौर के हवाले से कहा गया कि बचाए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर बाल गृह में सुरक्षित भेज दिया गया है। यदि जांच में पता चलता है कि कोई उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर करता था, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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अन्य जिलों से भिक्षावृत्ति की कोई सूचना नहीं है।
मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे बाल भिक्षुओं को भीख न दें और इन बच्चों के दिखने पर 1098 पर सूचना दें।