वांछित आरोपी के बेटे ने पूछा, ‘मेरी मां खुद को सुहागिन माने या विधवा’’ |

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इंदौर (मध्यप्रदेश), 31 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मालेगांव में वर्ष 2008 में हुए बम विस्फोट मामले में वांछित आरोपी रामजी कलसांगरा के बेटे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके पिता का पिछले 17 साल से कोई सुराग नहीं है और परिवार उनके ‘लापता’ होने के मामले में अब भी न्याय का इंतजार कर रहा है।

मालेगांव बम विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हुए थे।

कलसांगरा के बेटे ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा इस मामले में सुनाये गये फैसले के बाद यह बात कही।

अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया।

कलसांगरा के बेटे देवव्रत ने इंदौर में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अदालत के इस फैसले के बाद दूध का दूध और पानी का पानी’ हो गया है।

उन्होंने कहा कि यह साबित हो गया है कि ‘भगवा आतंकवाद’ जैसी कोई अवधारणा कभी वजूद में नहीं थी।

देवव्रत ने बताया, ‘‘वर्ष 2008 से लेकर अब तक मेरा पूरा परिवार इस संशय से जूझ रहा है कि मेरे पिता जिंदा हैं भी या नहीं? अब इससे बड़ी प्रताड़ना क्या होगी कि पिछले 17 साल से हमें उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।’’

देवव्रत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के जांच अधिकारियों ने उनके पिता का पता पूछने के नाम पर उनके परिवार को लंबे समय तक बहुत परेशान किया था।

उन्होंने कहा, “मैं महाराष्ट्र एटीएस के तत्कालीन जांच अधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि मेरी मां खुद को सुहागिन माने या विधवा?”

देवव्रत ने संदेह जताया कि महाराष्ट्र एटीएस ने उनके पिता को अवैध तौर पर हिरासत में रखा और इस दौरान उनके साथ कोई अनहोनी हो गई।

उन्होंने अपने पिता के ‘लापता’ होने के मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।

देवव्रत ने कहा,‘‘हमें अब भी न्याय का इंतजार है। मेरी मां, मेरे दोनों भाइयों और दादा-दादी को अब भी उम्मीद है कि एक न एक दिन मेरे पिता के बारे में कोई पक्की खबर जरूर आएगी।”

उन्होंने बताया कि इंदौर के बंगाली चौराहा क्षेत्र में रहने वाले कलसांगरा मूलतः किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और 17 साल पहले ‘लापता’ होने से पहले बिजली मिस्त्री के तौर पर काम करते थे।

भाषा हर्ष जितेंद्र

जितेंद्र

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