जम्मू-कश्मीर के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में शामिल राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) एवं अस्पताल ने किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से उत्पन्न चिकित्सा संकट से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाई तथा गंभीर रूप से घायल 25 लोगों की जटिल सर्जरी कर उनकी जान बचाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया, “14 अगस्त की रात को गंभीर रूप से घायल 66 मरीजों को जीएमसी जम्मू ले आया गया। उसी रात लोगों की जान बचाने के लिए लगभग 25 बड़ी सर्जरी की गई।”
उन्होंने बताया कि अगले दिन भी चिकित्सा देखभाल जारी रही तथा और सर्जरी की गईं।
यह आपदा 14 अगस्त को अपहाह्न लगभग 12:30 बजे मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले चिशोती गांव में आई, जिसमें 60 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।
बादल फटने से आई बाढ़ के बाद अब तक 82 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें 81 तीर्थयात्री और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का एक जवान शामिल है।