आजादी के 78 साल बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) अपने ऐतिहासिक स्थान साउथ ब्लॉक से हटकर सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बने नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होने वाला है। यह अहम बदलाव अगले महीने होगा, जब नया पीएमओ प्रधानमंत्री आवास के करीब स्थित होगा।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक बनेंगे ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’
सरकार ने घोषणा की है कि पुराने नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को अब ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ में बदल दिया जाएगा। यह एक बडी पहल है, जिसके लिए राष्ट्रीय संग्रहालय और फ्रांस के संग्रहालय विकास के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए हैं। यह संग्रहालय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसके इतिहास को प्रदर्शित करेगा। यह देश के अतीत, वर्तमान और भविष्य की आकांक्षाओं की झलकियां पेश करेगा।
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‘औपनिवेशिक काल के ढांचों से मिलेगी आजादी’
हाल ही में नए प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दशकों से देश की शासन व्यवस्था औपनिवेशिक काल के ढांचों से चल रही थी, जहां जगह, रोशनी और हवा की भारी कमी थी। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख मंत्रालयों को ऐसी मुश्किलों के बीच काम करना पडता था।
सूत्रों के मुताबिक, नए पीएमओ को एक नया नाम दिया जा सकता है, जो ‘सेवा भावना’ को दर्शाता हो। प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार पदभार संभालने के बाद दोहराया, ‘पीएमओ जनता का पीएमओ होना चाहिए, यह मोदी का पीएमओ नहीं है।’
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आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया एन्क्लेव
नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में सिर्फ पीएमओ ही नहीं, बल्कि कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय भी होगा। इसमें एक आधुनिक सम्मेलन कक्ष भी होगा, जिसमें पुरानी इमारतों में न मिलने वाली कई सुविधाएं होंगी।
सरकार का कहना है कि यह कदम सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्थान भी तैयार करना है जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को दर्शाता हो।