वायु प्रदूषण पर संसद में राहुल गांधी ने सरकार–विपक्ष की संयुक्त कार्रवाई की जताई इच्छा

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संसद में शुक्रवार को वायु प्रदूषण पर एक गंभीर और सीधे मुद्दे की बातचीत शुरू हुई है, जिसमें विपक्ष और सरकार पहली बार बिना टकराव के आगे बढ़ने की इच्छा दिखाते नजर आए हैं। मौजूद जानकारी के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता पर तात्कालिक और सर्वदलीय चर्चा की मांग करते हुए कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर राजनीति नहीं, बल्कि साझा प्रयासों की आवश्यकता है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के कई बड़े शहरों में लोग जहरीली हवा की चादर के नीचे जीवन बिताने को मजबूर हैं। उन्होंने चिंता जताई कि लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे हैं, बुजुर्ग सांस लेने तक में संघर्ष कर रहे हैं और कैंसर जैसे मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। राहुल ने कहा कि यह वैचारिक मतभेदों का विषय नहीं है, बल्कि वह मुद्दा है जिस पर सत्ता और विपक्ष दोनों की सहमति बन सकती है। उनका कहना था कि यह चर्चा इस आधार पर होनी चाहिए कि भविष्य में देश को बचाने के लिए हम मिलकर क्या कदम उठा सकते हैं, न कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने पर।
बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की ओर से इस चर्चा के लिए तत्परता जताई और कहा कि लोकसभा की बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी इस पर समय तय कर सकती है। गौरतलब है कि यह पहली बार है जब वायु प्रदूषण को लेकर संसद के भीतर दोनों पक्षों में एक सकारात्मक माहौल दिखाई दिया है।
इसके बाद राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में वायु प्रदूषण को “राष्ट्रीय आपदा” बताते हुए कहा कि इसे तत्काल, व्यापक और ठोस राष्ट्रीय कार्ययोजना की आवश्यकता है। उन्होंने लिखा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि साझा जिम्मेदारी है और वे प्रधानमंत्री के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने के लिए तैयार हैं।
वहीं वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राहुल के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यह समस्या बहुत लंबे समय से बढ़ रही है और अब सभी दलों को मिलकर एक एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए।
इस बीच, बता दें कि विश्व बैंक ने हाल ही में उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्वच्छ हवा से जुड़े दो बड़े कार्यक्रमों के लिए लगभग 600 मिलियन डॉलर की सहायता को मंजूरी दी है। विश्व बैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक पॉल प्रूसी ने कहा कि दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण स्वास्थ्य, उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर डाल रहा है, और ये कार्यक्रम न सिर्फ वायु गुणवत्ता में सुधार करेंगे बल्कि युवाओं और महिलाओं के लिए हरित नौकरियों के अवसर भी तैयार करेंगे।
इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। शुक्रवार को शहर के ऊपर घना स्मॉग छाया रहा और एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़कर 332 हो गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली के 30 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई, जबकिजहांगीरपुरी में एक्यूआई 405 तक पहुंच गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। राजधानी में लगातार बिगड़ती हवा लोगों के स्वास्थ्य, आवाजाही और रोजमर्रा जिंदगी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।



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