केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि बुधवार सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गया है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह एक्यूआई 336 दर्ज किया गया जबकि मंगलवार को यह 415 दर्ज किया गया था।
सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, दिल्ली के 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र में से 36 में एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
नेहरू नगर में सबसे ज्यादा 392 एक्यूआई दर्ज किया गया।
सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा , 51 से 100 को संतोषजनक , 101 से 200 को मध्यम , 201 से 300 को खराब , 301 से 400 को बेहद खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर माना जाता है।
सुबह-सुबह दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरे और धुंध की वजह से दृश्यता कम हो गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.7 डिग्री ज़्यादा है। अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
आर्द्रता का स्तर 100 प्रतिशत रहा। आईएमडी ने दिन में हल्का कोहरा रहने का अनुमान जताया है।
फिलहाल राजधानी में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को लेकर चिंताओं के बीच, दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मज़बूत करने, एनवायरनमेंटल गवर्नेंस को बेहतर बनाने और प्रदूषण कंट्रोल उपायों को कड़ा करने के मकसद से कई बड़े फैसले लिए। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की घोषणा की।
एक अहम फैसला शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के संचालन से जुड़ा है। कैबिनेट ने दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (DIMTS) की ज़िम्मेदारी खत्म कर दी है, जो पहले दिल्ली में 50 प्रतिशत बसें चलाती थी। अब, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) राजधानी में 100 प्रतिशत बसों का संचालन करेगा। उम्मीद है कि इस कदम से बेहतर रूट रैशनलाइज़ेशन होगा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं में दक्षता में सुधार होगा।
एक और बड़े कदम में, दिल्ली सरकार ने होलांबी कलां में एक ई-कचरा रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने की मंज़ूरी दी है। यह सुविधा 11.5 एकड़ में फैली होगी और बिना पानी की बर्बादी के काम करेगी।
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यों को फिर से जीवित करने की योजना को भी मंज़ूरी दी। दिल्ली में 1,000 से ज़्यादा जल निकाय हैं, जिनमें से 160 सीधे सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। बहाली के लिए शुरुआती तौर पर 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त फंड का भी प्रावधान है।
बिना PUCC, नहीं मिलेगा फ्यूल
प्रदूषण कंट्रोल को और कड़ा करने के लिए, सरकार ने फैसला किया है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) हटने के बाद भी, दिल्ली में बिना वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) के पेट्रोल नहीं बेचा जाएगा।
अधिकारियों ने शहर भर में PUCC केंद्रों की जांच भी शुरू कर दी है। अब तक 12 केंद्रों में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। कैबिनेट ने चार ऑटोमैटिक वाहन टेस्टिंग केंद्रों को मंज़ूरी दी है और एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए ऊंची इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन मशीनों के साथ मिस्ट कैनन के इस्तेमाल की अनुमति दी है।
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800 इंडस्ट्रीज़ बंद होंगी
औद्योगिक प्रदूषण पर कार्रवाई करते हुए, सरकार ने दिल्ली में 800 से ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज़ को बंद करने का आदेश दिया है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने 411 यूनिट्स को बंद करने के नोटिस जारी किए हैं, जबकि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने लगभग 400 ऐसी इंडस्ट्रीज़ को सील कर दिया है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को कम करने और साफ़-सुथरा माहौल पक्का करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दोहराया कि सरकार प्रदूषण के सभी सोर्स के खिलाफ ज़ीरो-टॉलरेंस पॉलिसी लागू करेगी।
प्रदूषण कंट्रोल के उपायों का जायज़ा लेने और असरदार फैसले लेने के लिए सोमवार को दिल्ली सचिवालय में एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग हुई। अहम फैसलों में बिना किसी छूट के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) नियमों को सख्ती से लागू करना, दिल्ली-NCR में पूल्ड और शेयर्ड इलेक्ट्रिक बस सर्विस शुरू करने पर विचार करना, ई-रिक्शा के लिए नई गाइडलाइन जारी करना और दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) के बस रूट को बेहतर बनाना शामिल है।











