इन दिनों पूरा मध्यप्रदेश कड़ाके की ठंड के बेहद खतरनाक स्तर से गुजर रहा है। प्रदेश के Vindhya क्षेत्र से लेकर महाकौशल, चंबल और बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र इस खतरनाक ठंड की चपेट में सर्वाधिक है। प्रदेश के मैदानी व पहाड़ी समेत अन्य इलाको में भी ठंड की बेरहम मार का क्रम जारी है। मौसम की इस मार से पूरा जन-जीवन बेहाल पड़ा है। पेड़-पौधों पर भी मौसम की इस मार का असर दिखने लगा है और किसानों की फसलों पर ये प्रभाव पाले के रूप में पड़ने लगा है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पाले की शिकायतें भी सामने लगी हैं।
मौसम के इस खतरनाक रूख के कारण खासकर रात के तापमान में इस कदर असर पड़ रहा है कि प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान माइनस (-1) डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। रविवार को Vindhya के रीवा में न्यूनतम तापमान 2.4 व अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी प्रकार से सीधी में न्यूनतम तापमान 3.4 व अधिकतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि सिंगरौली में सर्वाधिक गिरावट के साथ न्यूनतम तापमान 1.6 व अधिकतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कोहरे, कोल्ड डे व कोल्ड वेव से ये खतरे
– कोहरे के कारण न्यूनतम दृश्यता की समस्या से सड़क पर ड्राइविंग में समस्याएं होना और दुर्घटना की आशंका।
– घने कोहरे में मौजूद कण, पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के संपर्क में आने पर फेफड़ों की वर्किंग कैपिसिटी कम होने का खतरा है और खांसी, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बढऩे का खतरा।
– लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने पर शीतदंश और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के खतरे की संभावना है।
– इससे फ्लू, नकसीर व नाक बहने की समस्या रहती है।
– कंपकंपी ज्यादा समय तक रहने से शरीर की गर्मी जाने का पहला संकेत।
– ठंड के असहनीय स्तर पर पहुंचने से शरीर के बाहरी अंग जैसे उंगलियों, नाक की स्किन सख्त और सुन्न पड़ सकती है।
ये भी पढ़िए-
जिले के सियासी ज्योतिषियों का ही समीकरण बदल रामसुमिरन रिटर्न, राजा व राम की रेस जारी