मास्टर प्लान (Master Plan) 2035, ग्वालियर शहर के लिए बनकर तैयार हो चुका था और सिर्फ गजट प्रकाशन होना था, लेकिन उसका गजट में प्रकाशन होने से अचानक रोक दिया गया। ये सब कुछ हुआ है राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह के दबाव की वजह से। ये आरोप पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह “राहुल भैया” ने आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में अपना बयान जारी कर कहा है कि जब मास्टर प्लान (Master Plan) से जुड़े आपत्तियों और दावों का निराकरण होकर इसे आवास पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र सिंह की स्वीकृति मिल गयी थी तब क्या कारण है कि उसे दोबारा पुनर्विचार के लिए मंत्री के पास भेजा गया?
भारत सिंह कुशवाह मास्टर प्लान (Master Plan) में ग्वालियर के पास की कृषि भूमि को भी शामिल करवाना चाहते हैं, जबकि उनके प्रस्ताव और आपत्ति को अस्वीकृत किया जा चुका है। धारा-19 दो के तहत प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भी दावे एवं आपत्तियों का निराकरण कर दिया है अब कोई आपत्ति एवं निराकरण शेष नहीं है। इसके बाद भी मास्टर प्लान (Master Plan) रोका गया।ऐसे इस पूरे प्रकरण में भ्रष्टाचार की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
शहर की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया ये मास्टर प्लान
अजय सिंह ने कहा कि ग्वालियर शहर का मास्टर प्लान (Master Plan) 2035 की जरूरतों को ध्यान में रखकर 427 वर्ग किलोमीटर में बनाया गया है। प्रदेश के बडे शहरों में नये मास्टर प्लान (Master Plan) लागू करने की योजना के चलते सबसे पहले जब ग्वालियर शहर का मास्टर प्लान (Master Plan) गजट में प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा था, तब फिर इसे अचानक क्यों रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का नया मास्टर प्लान (Master Plan) यातायात व्यवस्थित करने और मुख्य मार्गों की चौड़ाई को बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा गया है। सड़कों की चौड़ाई 18 से 40 मीटर तक की गई है। यह मास्टर प्लान ग्वालियर के विकास की दिशा को तय करेगा।
व्यक्तिगत के बजाए विकास को ध्यान रखे सरकार
अजय सिंह ने कहा कि यदि इसी तरह रोक लगती रही तो प्रदेश के 52 शहरों के नये मास्टर प्लान (Master Plan) कभी भी लागू नहीं हो पायेंगे। व्यक्तिगत हितों की ओर ध्यान न देकर शहर के विकास को केन्द्र बिन्दु रखकर सरकार को निर्णय लेना चाहिए, भी बड़ी राजनीतिक सोच सामने आयेगी।
अभी इन शहरों का भी मास्टर प्लान (Master Plan) आना बाकी
उन्होंने कहा कि अभी भोपाल, जबलपुर, रीवा, इन्दौर, उज्जैन के भी मास्टर प्लान (Master Plan) अभी आना बाकी है। भोपाल का मास्टर प्लान (Master Plan) तो मुख्यमंत्री के पास सैद्धांतिक सहमति के लिए लम्बित है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से व्यक्तिगत रुचि लेकर सभी जिलों के नये मास्टर प्लान (Master Plan) लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।
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