मिनी रत्न (Mini Ratna) NCL में सर्विसेज के नाम पर गड़बड़झाला करने के कारनामे कोई नए तो नहीं हैं, लेकिन अक्सर ऐसे कारनामे जो गुल खिलाते हुए अंजाम दिए जाते हैं, उसे नज़रअंदाज करें भी तो कैसे? ऐसा ही एक ताजा मामला है जयंत का।
दरअसल, जयंत में अधिकारी मनोरंजन गृह व वहाँ की हाउस कीपिंग का कार्य कर रही बसंत नाम की एक फर्म का मामला सामने आया है। जिसे लेकर सूत्र बताते हैं कि बसंत नाम की फर्म पर पेटी पर कार्य करने वाले ने स्थानीय स्तर और इतनी साठगांठ बना रखी है कि उसके खिलाफ एरिया के अधिकारी भी नहीं जाते, भले नियम जो भी हो।
आवंटन से काफी कम मैन पावर तैनात
सूत्र बताते हैं कि जयंत के अधिकारी मनोरंजन गृह व वहाँ की हाउस कीपिंग के कार्य जिम्मा सम्हालने वाली फर्म को करीब 13 मैन पावर तैनात करने का टेंडर मिला था लेकिन फर्म की ओर से यहाँ मुश्किल से 4 से 5 स्टाफ ही तैनात करके काम चलाया जा रहा है। जाहिर है ये कृत्य मनमानी जैसा है, जो टेंडर के नियमों के भी उल्लंघन के भी दायरे में आता है। साथ ही जितने स्टाफ नहीं तैनात किए जा रहे, उनका वेतन पेटी कॉन्ट्रेक्टर हजम कर जाता है।
साठगांठ इतनी तगड़ी कि हैरान हो जाएंगे
सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि पेटी संचालक की साठगांठ का ही नतीजा है कि कॉन्ट्रेक्ट का समय पूरा होने के बाद भी नया टेंडर मनोरंजन गृह का फिलहाल जारी नहीं किया जा स्का है, क्योंकि साठगांठ इतनी तगड़ी है। जिससे टेंडर जारी होने के बाद भी किन न किस वजह से कैंसिल कर दिया जाता है, सूत्रों की माने तो जिमेदारो द्वारा टेंडर जारी किया गया, लेकिन उक्त पेटी संचालक ने अपनी पैठ बनाये रखने के लिए टेंडर की प्रक्रिया को पूरा ही नहीं होने देता।
होनी चाहिए जांच
खैर, इस पूरे मामले में असलियत जो भी हो, लेकिन असलियत का पता तभी चल सकेगा, जब जांच होगी। इसलिए प्रबंधन को इस पर संज्ञान लेकर असलियत को सामने लाना चाहिए और कंपनी की छवि को भी बचाना चाहिए।
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