पूरे प्रदेश में अधिकारी राज चल रहा है। यहाँ निर्वाचित नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जनपद, जिला व सरपंचों को कोई अधिकार नहीं है और इन निर्वाचित लोगों को पंगु बना दिया है।
हालात ये हैं कि इनमें से अगर कोई विरोध करता है तो उस पर झूठे प्रकरण दर्ज किए जा रहे है। ये आरोप MP की भाजपा सरकार पर पूर्व CM व सदस्य राज्य सभा दिग्विजय सिंह ने लगाए हैं। पूर्व CM ने ये आरोप रविवार को रीवा के राजनिवास सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता दौरान लगाए हैं।
मैं चुनौती देता हूं: दिग्गी
प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए दिग्गी ने कहा है कि प्रदेश में बेरोजगारी का बैकलॉग है। SC और ST के पद भरते क्यों नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि जितनी नौकरी 10 साल में हमने दी है। यानि, वर्ष 1993 से 2003 के दौरान, उसकी एक चौथाई नौकरी भी भाजपा की सरकार ने 19 साल में नहीं दी है।
गरीब व आदिवासियों को डराया जा रहा
दिग्गी ने आरोप लगाया है कि यहाँ गरीब व आदिवासियों को डराया जा रहा है। गलती एक करता है, तो सजा पूरे परिवार को दी जाती है। मुस्लिम समाज में भय का वातावरण है। आदिवासियों की जमीन कलेक्टर बिकवा रहे है और पेसा एक्ट का सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। मैं बुलडोजर संस्कृति के खिलाफ हूं।
विधानसभा में बजट पर चर्चा नहीं करने का आरोप
दिग्गी ने ये भी कहा है कि उनके कार्यकाल में विधानसभा एक से डेढ़ महीना चलती थी और आज ये हालात हैं कि बजट में चर्चा तक नहीं होती है। जब श्रीनिवास तिवारी हमारे अध्यक्ष थे, तब सबसे ज्यादा सदन दिग्विजय के कार्यकाल पर चली है। अब न कोई सुन रहा है और न देख रहा है। हमारे पूर्व मंत्री व युवा नेता जीतू पटवारी ने सरकार की नीतियों का विरोध किया, तो उनको विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। जबकि उनकी मांग जायज थी।
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