CIL News: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के जेबीसीसीआई (JBCCI) सदस्यों द्वारा हालही में दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से हुई मुलाकात पर ट्रेड यूनियन HMS के नेता व जेबीसीसीआई (JBCCI) सदस्य शिवकुमार यादव ने कई गंभीर सवाल ऊठाये हैं।
शिवकुमार यादव के सवालों को।लेकर एक मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि शिवकुमार यादव ने कहा है कि जेबीसीसीआई-11 (JBCCI-11) की अंतिम बैठक में बीएमएस (BMS) के वरिष्ठ नेता के. लक्ष्मा रेड्डी एवं कोल इण्डिया के शीर्ष अधिकारियों ने सभी जेबीसीसीआई (JBCCI) सदस्यों से कोयला कामगारों के हितों को लेकर कुछ वादा किया था।
CIL News: BMS के के. लक्ष्मा रेड्डी ने ये वादा किया था
इस वायरल मैसेज के मुताबिक, HMS के नेता व जेबीसीसीआई (JBCCI) सदस्य शिवकुमार का कहना है कि बीएमएस (BMS) के वरिष्ठ नेता के. लक्ष्मा रेड्डी का
वादा यह था कि 6 जून 2023 को दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ सभी सदस्यों की बैठक करवाएंगे। साथ ही बैठक के बाद कोयला मंत्री द्वारा राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 लागू करने की घोषणा करवाएंगे। इसके अलावा सभी मंत्री से कोल मज़दूरों से जुड़े 5 अतिमहत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर उसमें मंत्रालय की ओर से अनुमति/स्वीकृति प्रदान करवाएंगे। लेकिन 6 जून के पूर्व ऐसा क्या हुआ जो दिल्ली में होने वाली बैठक हेतु पूर्व में बनाई गई योजना एवं सभी सदस्यों के साथ होने वाली बैठक में ही बड़ा बदलाव कर दिया गया। जिससे
CIL News: लेकिन, ऐसा छल क्यूँ?
उक्त वायरल मैसेज में शिवकुमार का कहना है कि 6 जून को दिल्ली में उपस्थित उन सभी शीर्ष श्रमिक नेतृत्व एवं कोल इंडिया (CIL) के शीर्ष अधिकारियों से कुछ प्रश्न करना चाहता हूँ, प्रश्न जो शायद कहीं न कहीं कोयला मज़दूर साथियों के मन में भी उमड़ रहे होंगें कि आख़िर उनके साथ ऐसा छल क्यूँ? इसे लेकर उन्होंने कुछ सवाल किए हैं…
CIL News: सवाल है कि…
- जब जेबीसीसीआई-11 (JBCCI-11) के सभी सदस्यों की कोयला मंत्री के साथ बैठक होना तय हुआ था, तब ऐसी क्या मजबूरी थी कि सिर्फ पांच वरिष्ठ नेतागण ही बैठक के भागीदारी बने?
- यदि 6 तारीख की बैठक जेबीसीसीआई (JBCCI) सदस्यों के लिए नहीं थी और यदि वह सेफ्टी अवार्ड और कॉन्फ्रेंस से सम्बंधित था तो उसमें हमारे वरिष्ठ नेतागण जो पांचों श्रम संगठन से एक-एक गए थे उन्हें पीछे की सीट पर क्यों बिठाया गया?
- कोल इंडिया (CIL) के ही कार्यक्रम में कोल इंडिया के श्रम संगठन के नेताओं को ही मंच पर स्वागत तक लिए भी नहीं बुलाया गया? और तो और इतने शीर्ष नेताओं में से किसी एक भी अधिकारियों ने स्वागत तक नहीं किया? क्या यह हमारे वरिष्ठ संगठन नेताओं, ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ पूरे कोयला मज़दूरों का अपमान नहीं है?
- एक सवाल ये भी है कि यदि उक्त कार्यक्रम राकोवेस-11 अथवा जेबीसीसीआई (JBCCI) से संबंधित नहीं था तो फिर कार्यक्रम में शामिल वरिष्ठ नेताओं ने मंत्री महोदय से जेबीसीसीआई (JBCCI) के विषय पर या कामगार के कुछ अतिमहत्वपूर्ण मुद्दों पर आख़िर चर्चा ही क्यों की? अगर की भी तो मज़दूर हित में अंतिम निर्णय क्यों नहीं कराया?
- यदि केंद्रीय कोयला मंत्री और कोल इंडिया (CIL) अधिकारियों की नजर में वर्षों से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे तथा अपंग हो चुके हमारे कोयला मज़दूर भाइयों के आश्रितों को रोज़गार जैसे अतिमहत्पूर्ण मुद्दों का कोई महत्व नहीं है या उनके प्रति उनके दिल कोई दर्द ही नहीं है तो फिर ऐसे में आप सभी नेताओं को क्या हक़ था जो मज़दूरों के साथ विश्वासघात कर इस विषय उत्तरहीन चर्चा की गई?
- 6 जून को दिल्ली में उपस्थित उस संगठन के शीर्ष नेता से भी पूछना चाहता हूँ जो अक्सर कहते फिरते थे कि हम बाहर हैं यदि हम अंदर होते तो ऐसा करते हम अंदर होते तो वैसा करते। मैं पूछना चाहता हूँ अब तो आप जेबीसीसीआई-11 (JBCCI-11) में अंदर आ चुके हैं। आपने जो कोयला मज़दूरों से वादा किया था आख़िर क्या हुआ उसका? आपने क्या किया, 6 जून को जवाब दीजिए?
- 6 जून को उपस्थित उन सभी शीर्ष नेताओं तथा अधिकारियों से पूछना चाहता हूँ कि वे सभी पाँचों मुद्दे जैसे 9.4.0 के तहत आश्रितों को रोज़गार, अधिकारियों के समान दिनाँक 01.01.2017 से ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 20 लाख ग्रेच्युटी प्रदान करना, CPRMS-NE के तहत अधिकारियों एवं ग़ैर अधिकारियों को समान सुविधा मिले, फीमेल व्ही.आर.एस. के तहत उनके आश्रितों को रोज़गार तथा ख़ान दुर्घटना में मृत्यु पश्चात् कर्मचारी के परिवार/आश्रित को दिये जाने वाली 15 लाख की अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे जो कि सीधे तौर पर कोयला मज़दूरों तथा उनके आश्रितों से जुड़े हैं अब उनका क्या होगा? मज़दूर जो आशा भारी निगाहों से आपकी ओर नजरें जमाये बैठे थे उन मुद्दों का निपटारा अब कैसे होगा। अब किस फ़ोरम में जाकर इन मुद्दों का निपटान किया जावेगा?
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