Crime News: UP के लखीमपुर (Lakhimpur) का प्रभात गुप्ता मर्डर केस (Prabhat Gupta murder case) अलग-अलग कोर्ट में 23 साल चला, अब सुप्रीम कोर्ट में है। देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ इसमें मुख्य आरोपी हैं। प्रभात गुप्ता का परिवार लोअर कोर्ट (lower court) और फिर हाईकोर्ट (high court) से केस हार चुका है। 19 मई 2023 को हाईकोर्ट ने अजय मिश्र ‘टेनी’ को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केस की सुनवाई जल्द शुरू होनी है। प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता ये केस लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि लोअर कोर्ट से हाईकोर्ट तक अजय मिश्र ‘टेनी’ ने अपने रसूख का इस्तेमाल किया, इसी वजह से फैसला उसके पक्ष में गया।राजीव गुप्ता पूछते हैं कि अगर मेरे भाई का मर्डर अजय मिश्र ‘टेनी’ और उसके साथियों ने नहीं किया, ताे फिर किसने किया है। कोर्ट, सरकार और पुलिस (government and the police) को ये बताना चाहिए।हाईकोर्ट में इस केस का फैसला तीन बार रिजर्व किया गया। भास्कर ने केस की शुरुआत से पड़ताल की। हम हत्या वाली जगह गए, प्रभात गुप्ता के परिवार से मिले, साथ ही देखा कि ऐसा क्या हुआ था कि फैसला आने में इतना वक्त लग गया
राजनीतिक वर्चस्व (political supremacy) की लड़ाई में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी प्रभात गुप्ता लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में पढ़ाई के साथ स्टूडेंट पॉलिटिक्स में भी एक्टिव थे। तब उनकी उम्र 24 साल थी। वे समाजवादी पार्टी की यूथ विंग युवजन सभा से जुड़े थे। प्रभात गुप्ता और अजय मिश्र ‘टेनी’ का घर तिकुनिया गांव में है।2000 में UP में पंचायत चुनाव होने थे। प्रभात गुप्ता भी चुनाव लड़ना चाहते थे। कहा जाता है कि यही बात अजय मिश्र ‘टेनी’ को पसंद नहीं आई। इससे दोनों सियासी दुश्मन बन गए। और फिर यह विवाद प्रभात गुप्ता की साजिश तक जा पंहुचा।