About Coal India: देश (India) के लिए बड़ी अहमियत रखने वाले कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) के इतिहास एवं गठन के बारे में क्या आपको पता है? अगर नहीं तो अब जान लीजिये…
क्योंकि, कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) देश (India) मे उत्पादित कुल कोयला उत्पादन (coal production) का 85% तथा कोयला (coal) आधारित कुल उत्पादन का 75% योगदान देता है। कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) कुल बिजली उत्पादन में 55% का योगदान देता है और देश की प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा आवश्यकताओं में 40% की आपूर्ति करता है।
दरअसल, भारत (India) की स्वतंत्रता के प्रभात काल से पहली पंचवर्षीय योजना में ही कोयला उत्पादन (coal production) की काफी आवश्यकता महसूस की जाने लगी थी और यही से देश (India) में कोल क्षेत्र को एकसाथ करने को योजना तैयार हुई थी और कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) का गठन तो इसके काफी समय बाद हुआ।
ऐसे हुआ, नेशनल कोल डेवलॅपमेंट कॉरपोरेशन का गठन
वर्ष 1951 में कोयला उद्योग (coal industry) के लिए कार्यकारी दल की स्थापना की गई थी जिसमें कोयला उद्योग (coal industry), श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों और सरकार के प्रतिनिधि शामिल किये गये थे। इसने लघु और विभाजित उत्पादन इकाइयों के एकीकरण का सुझाव दिया। इस प्रकार एक राष्ट्रीयकृत एकीकृत कोयला क्षेत्र (coal field) का विचार पैदा हुआ। कोयला खनन (coal mining) में एकीकृत समग्र योजना आजादी के बाद, एक आवश्यक घटना है। नये कोयला क्षेत्रों (coal field) की खोज और नई कोयला खदानों (new coal mines) के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से 11 कोयला खदानों को मिलाकर नेशनल कोल डेवलॅपमेंट कॉरपोरेशन (National Coal Development Corporation) का गठन किया गया।
भारत में कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के लिए कारक
भारत (India) में कोयला उद्योग (coal industry) का राष्ट्रीयकरण 70 के प्रारंभिक दशक में 2 संबद्ध घटनाओं का परिणाम है। पहले उदाहरण में तेल की कीमत का सदमा, जिसने देश (India) को अपनी ऊर्जा विकल्पों की खोज करने के लिए बाध्य कर दिया था। इस उद्देश्य के लिए एक ईंधन नीति समिति का गठन किया गया जिसने वाणिज्यिक ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में कोयले (coal) की पहचान की। दूसरे, इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी निवेश की आवश्यकता थी जो कोयला खनन (coal mining) से आ नहीं सकता था क्योंकि यह अधिकांश निजी क्षेत्र के हाथों में था। श्री मोहन कुमारमंगलम द्वारा राष्ट्रीयकरण की संकल्पना का उद्देश्य – देश (India) के दुर्लभ कोयला संसाधन विशेषकर कोकिंग कोयले का संरक्षण निम्नांकित द्वारा करना था :-
- अपव्ययी, चयनात्मक और विध्वंसक खनन को रोकना |
- उपलब्ध कोयला संसाधनों का सुनियोजित विकास करना |
- सुरक्षा मानकों में सुधार लाभ |
- अधिकतम उपयोग हेतु विकास की जरूरत के अनुरूप निरंतर पर्याप्त निवेश सुनिश्चित करना |
- कामगारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार |
इसके अलावा अब तक कोयला खनन (coal mining), जो निजी खान मालिकों के हाथ में था, को वैज्ञानिक तरीके से कोयला खनन (coal mining) न करने तथा अस्वस्थ खनन परम्परा आदि का सामना करना पड़ा। निजी मालिकों के अधीन खनिकों के रहने का स्तर घटिया था।
कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) का गठन
सरकार की राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के तहत भारत (India) की कोयला खानों (coal mines) को 1970 के दशक में दो चरणों में पूर्ण रूप से राष्ट्रीय नियंत्रण में लिया गया। कोकिंग कोयला खान (आपातकाल प्रावधान) अधिनियम 1971 सरकार द्वारा 16 अक्तूबर 1971 को लागू किया गया जिसके तहत, इस्को, टिस्को, और डीवीसी के कैप्टिव खानों के अलावा भारत सरकार ने सभी 226 कोकिंग कोयला खानों (coking coal mines) का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया और उसे 1 मई, 1972 को राष्ट्रीयकृत कर दिया। इस प्रकार भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (Bharat Coking Coal Limited) बना था। इसके अलावा 31 जनवरी 1973 को कोयला खान (प्रबंधन का हस्तांतरण) अध्यादेश – 1973 लागू कर केन्द्रीय सरकार ने सभी 711 नान-कोकिंग कोयला खानों (coking coal mines) का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। राष्ट्रीयकरण के अगले चरण में 1 मई 1973 से इन खानों को राष्ट्रीयकृत किया गया और इन नॉन- कोकिंग खानों (non-coking mines) का प्रबंधन करने के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खान प्राधिकरण लिमिटेड (CMAL) नामक कंपनी का गठन किया गया था। दोनों कंपनियों का प्रबंधन करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के रूप में एक औपचारिक नियंत्रक कंपनी का गठन नवम्बर 1975 में किया गया।
अब, कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited)
कोल इंडिया (Coal India Limited) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 13% की वृद्धि दर्ज करते हुए 703.2 मिलियन टन कोयले (Coal) का उत्पादन किया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 के समापन से एक दिन पहले 30 मार्च को 2023 को पहली बार 700 मिलियन टन उत्पादन का आंकड़ा पार किया। कोल इंडिया (Coal India Limited) की पांच कोयला उत्पादक सहायक कंपनियों, बीसीसीएल (113%), एमसीएल (110%), एनसीएल (108%), डब्ल्यूसीएल (104%), और सीसीएल (100%) ने वित्त वर्ष 2022-23 के अपने उत्पादन लक्ष्य के बराबर या उससे अधिक कोयले (Coal) का उत्पादन किया।
(नेट- उपरोक्त जानकारी कोल इण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) की अधिकारी वेबसाइट से प्राप्त है।)
ये भी पढ़िए- ministry of coal: कोयले की खोज एवं उत्पादन लक्ष्य; coal exploration and production targets