Singrauli News: अदाणी समूह ने पर्यावरण संरक्षण संग पौधरोपण की अलख जगाई; जानिए 

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Singrauli News: सिंगरौली विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देने के उद्देश्य से बुधवार को अदाणी समूह द्वारा विशाल पौधारोपण सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

अदाणी समूह (Adani Group) ने वर्ष 2030 तक 10 करोड़ पेड़ और समूह के प्राकृतिक संसाधन विभाग ने अगले छह वर्षों में 86 लाख से ज्यादा पौधारोपण (planting)२ का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में सिंगरौली जिले के सुलियारी, धिरौली एवं गोंडबहेरा उज्जैनी खदान क्षेत्र में इस मौके पर अदाणी समूह द्वारा 2500 से ज्यादा पेड़ लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तरफ एक कदम और आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम के दौरान सिंगरौली के चीफ ऑफ क्लस्टर बच्चा प्रसाद, क्लस्टर एच आर हेड विकास सिंह, अंडरग्राउंड माइनिंग के प्रमुख सुधाकर लोला सहित तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने पौधारोपण कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

बता दें कि पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए इस वर्ष के पर्यावरण दिवस की थीम “भूमि पुनर्स्थापन, और सूखा लचीलापन” पर ध्यान केन्द्रित किया।

इस विषय की मदद से हम अपने पर्यावरण की रक्षा की तात्कालिकता पर जोर दे सकते हैं और भूमि को बहाल करने एवं मरुस्थलीकरण से निपटने की दिशा में दबाव डाल सकते हैं।

सिंगरौली जिले (Singrauli) में 2500 से अधिक पौधे रोपे, इस वर्ष 60 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य

इस मौके पर अदाणी समूह के पर्यावरण विभाग के द्वारा हरित पृथ्वी बनाने एवं सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से सुलियारी, धिरौली एवं गोंडबहेरा उज्जैनी खदान के आसपास जहां 2500 से ज्यादा पौधारोपण किया गया, वहीं इस वर्ष 60 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। लगाए गए पेड़ों में ज्यादातर नीम, अमलतास, महुआ, जामुन, आम, अर्जुन और साल के पेड़ हैं। नीम बहुतायत में पाया जाने वाला वृक्ष है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए आम जीवन में इसका खूब प्रयोग होता है। अमलतास के पेड़ भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। मध्य एवं पश्चिमी भारत के दूरदराज वनअंचलों में बसे ग्रामीण आदिवासी जनजातियों के लिए रोजगार के साधन एवं खाद्य रूप में महुआ वृक्ष का महत्व बहुत अधिक है। उल्लेखनीय है कि अदाणी समूह के प्राकृतिक संसाधन विभाग द्वारा इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर देश के विभिन्न राज्यों में 50 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं।

रंगोली और पोस्टर बनाकर विद्यार्थियों एवं स्थानीय महिलाओं ने समझाया पर्यावरण का महत्व

प्रदूषण की समस्या भारत समेत कई दूसरे देशों में भी देखने को मिल रही है। लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर अदाणी फाउंडेशन के द्वारा बासी बेरदहा और खनुआ गांव में ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जहां विभिन्न कक्षाओं के लगभग 50 बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छात्र-छात्राओं ने पोस्टर मेकिंग के माध्यम से पर्यावरण का महत्व बताया, जबकि अदाणी फाउंडेशन की मदद से सिलाई-कढ़ाई का हुनर सीख रही 50 महिलाओं ने इस मौके पर आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए जल संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण की आकर्षक व प्रेरक रंगोली बनाकर कला कौशल का प्रदर्शन किया। सभी विजेता प्रतिभागियों को अदाणी ग्रुप के तरफ से सम्मानित किया गया।

पिछले कुछ महीने में अदाणी ग्रुप की पर्यावरण एवं सीएसआर टीम के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता के ऐसे कई आयोजन कराए गए हैं, जिससे लोग पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करने के लिए प्रेरित हो सकें। जागरूकता को बढ़ावा देने और एक स्थायी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम पूरे वर्ष स्थानीय विद्यालयों, पंचायती संस्थानों, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों एवं ग्रामीण बाजारों जैसे सार्वजानिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

 

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