NCL Singrauli: सिंगरौली जिले में मिनीरत्न एनसीएल की निगाही परियोजना में बुधवार की रात बाइक से ड्यूटी जाते समय कांट्रेक्ट वर्कर कपिलदेव सिंह का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई।
कपिलदेव की मौत की मौत के पहले वह घटना स्थल पर ही कुछ देर बैठा रहा, शायद इस इंतजार में कि उसे कोई मदद मिले तो उसका समय से इलाज हो सके और वह सुरक्षित हो जाए। लेकिन कपिलदेव की उम्मीद उस घटना स्थल पर ही उसकी मौत के पहले ही टूट गई क्योंकि वहां इंसानियत इस कदर बेरहम हो है कि उसकी मदद करने कोई आगे नहीं आया। मौके पर एंबुलेंस को भी बुलाया गया लेकिन एंबुलेंस को भी उसके पास नही जाने दिया गया और करीब दो घंटे के लंबे इंतजार के बाद जब मौके पर उसके परिजन आए तो उसे एंबुलेंस में लेकर अस्पताल जा रहे थे रास्ते में ही कपिलदेव की मौत हो गई। ये आरोप घटना को लेकर आरोशितजनों के तब लगाए जब वह निगाही खदान के प्रवेश मार्ग के बीच धरने बैठे थे।
जानिए, एक्सीडेंट से जुड़ा पूरा घटनाक्रम
बताया जा रहा है कि निगाही में कार्य करने वाली कंपनी बीएमएल में कार्य करने वाले कपिलदेव सिंह की ड्यूटी पर जाते समय बुधवार की रात एक्सिडेंट हुआ। ये एक्सीडेंट निगाही खदान के प्रवेश द्वार में बैरियर के पास ही सड़क किनारे खड़े एक डंपर में टकराने से हुआ। टक्कर पश्चात कपिलदेव की हालत बेहद गंभीर हो गई लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं। वह उठकर काफी देर तक बैठा भी रहा और इसकी एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, लेकिन वहां मार्ग से गुजरते लोगों, पास में तैनात सुरक्षा गार्डों व वहां पहुंचे अन्य किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। जिससे उसकी हालत गंभीर होती गई। ये क्रम करीब दो घंटे तक चलता रहा। आरोप है कि इस बीच प्रबंधन के इशारे पर दुर्घटनाग्रस्त बाइक को बैरियर के बाहर दूर फेंकवा दिया गया। कुछ समय बाद मौके पर एम्बुलेंस भी आ गई, लेकिन उसे करीब एक घंटे तक बैरियर पर ही रोका रखा गया। जब मौके पर घायल कपिलदेव के परिजन आ गये तो उनके साथ उसे एम्बुलेंस ने नेहरू अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी सांसेें थम गई। कहा जा रहा है कि अगर समय से एम्बुलेंस से उसे अस्पताल भेज दिया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
निगाही खदान का प्रवेश द्वार रखा बंद धरने पर बैठे रहे लोग
एक्सिडेंट की चपेट आया कांट्रेक्ट वर्कर कपिलदेव पास के ही ग्राम भरूहा का निवासी है, ऐसे में हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर उसके परिजनों से लेकर अन्य परिचितों की भी भारी भीड़ एकत्र हो गयी। वहीं, मौत की जानकारी मिलने के बाद भीड़ आक्रोशित हो उठी और देखते ही देखते मौके पर मुख्यालय वैढऩ समेत आसपास के क्षेत्रों से भी सर्वसमाज के लोगों की भी भारी भीड़ एकत्र होकर आंदोलित हो गई। आंदोलित लोगों की भीड़ निगाही खदान के प्रवेश द्वार वाले बैरियर के समक्ष ही बीच सड़क पर धरने पर बैठ गई और निगाही खदान में ड्यूटी करने जाने वालों को रोक दिये। इसके बाद ये पूरा क्रम अगले दिन गुरूवार को दोपहर तक बना रहा।
आंदोलन में ये रहे शामिल
आंदोलन पर बैठे लोगों में अशोक शाह, प्रवीण सिंह चौहान, ज्ञानेन्द्र सिंह बबलू, अक्षय शाह, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह चंदेल डब्बू, अनिल कुमार जायसवाल, विवेक सिंह बघेल, अनिल सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र सिंह, दिलीप शाह सहित अन्य लोग शामिल रहे।
…तब अक्रोशित माने और आंदोलन हुआ खत्म
आंदोलित लोगों को मनाने में पुलिस प्रशासन जुटे रहे लेकिन ये सभी पहले तो इस बात को लेकर भडक़े रहे कि घायल को समय पर मदद क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई। इसके बाद ये सभी ये मांग करने लगे कि मृतक की तीन बेटी, एक बेटा व पत्नी के भरण-पोषण आदि के लिए आवश्यक इंतजाम कराया जाए, जिसके बाद ही आंदोलन समाप्त होगा। ऐसे में इस पर लंबी चर्चा पश्चात ये निराकरण हुआ कि पीडि़तों को चार लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी, परिवार से एक सदस्य को कांटे्रक्ट में नौकरी दी जाएगी और बच्चों भरण-पोषण व शिक्षा के लिए भी मदद की जाएगी। इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार बीएमएल व 50 हजार निगाही की ओर से दिया गया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ।
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