Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। ये महाकुंभ बहुत ही खास है, क्योंकि इस बार 144 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
ग्रहों का दुर्लभ संयोग ये है कि इस दिन सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति की ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है। वहीं, जब देवगुरु बृहस्पति अपनी 12 राशियों का भ्रमण कर वापस वृषभ राशि में आते हैं, तब हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन होता है। इसी तरह जब बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर 12 बार पूरा हो जाता है।
यानी जब बृहस्पति के वृषभ राशि में गोचर के 12 चक्र पूरे हो जाते हैं, तो उस कुंभ को पूर्ण महाकुंभ कहा जाता है।
बताया जा रहा है कि यह शुभ संयोग समुद्र मंथन के दौरान बनी थी। इसके साथ ही महाकुंभ पर पूर्णिमा, रवि योग, भद्रावास योग का निर्माण भी होने वाला है, जिसका शुभ असर लोगों पर होगा। इस संयोग का विभिन्न राशियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
जानिए, महाकुंभ में पहले दिन शाही स्नान के शुभ मुहूर्त
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महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पूर्णिमा के शुभ अवसर पर होगा।
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हिंदू पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 जनवरी की सुबह 5 बजकर 03 मिनट पर होगीं।
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शाही स्नान का ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 27 मिनट से सुबह 06 बजकर 21 मिनट रहेगा।
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शाही स्नान का प्रात: संध्या मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 54 मिनट से सुबह 7 बजकर 15 मिनट रहेगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारियां
बता दें कि महाकुंभ 2025 की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई है। संगम तट पर कुंभ स्नान करने आने वाले साधु-संतों से लेकर श्रद्धालुओं तक की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी कुंभ के आयोजन में राज्य सरकार को मदद की है।