नैनो सेकंड तक की लोकेशन पर रखी जा सकेगी नजर
मैन पावर की कमी होने या मौसम खराब होने की स्थिति में भी अनेक फ्लाइट के पायलट से संवाद स्थापित करने में यह रडार सिस्टम सफल साबित हुआ है। चेकोस्लोवाकिया की मॉडर्न तकनीक वाले एमएसएसआर रडार से एक साथ दो या अधिक फ्लाइट की हर नैनो सेकंड तक की लोकेशन पर नजर रखी जा सकेगी।
इस नए सिस्टम की खास बात यह रहेगी कि एक साथ कई फ्लाइट्स के आने पर एटीसी से इनका कम्यूनिकेशन मिक्स नहीं होगा और हर फ्लाइट की सटीक जानकारी एटीएस को मिलती रहेगी। अभी जो सिस्टम लगा है, उसमें एक साथ ज्यादा लाइट के साथ संवाद में दिक्कत होती है।
विमानों के बीच सुरक्षित दूरी
यह रडार राजा भोज एयरपोर्ट के चारों ओर कई किलोमीटर तक की सीमा में आवागमन करने वाली फ्लाइट्स पर नजर रख सकेगा। जब कई विमान एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं या एक ही दिशा में उड़ रहे होते हैं, तो उनसे होने वाली बातचीत का डाटा ओवरलैप हो सकता है। इस नए सिस्टम से यह भ्रम नहीं होगा। यानी अगर भोपाल एयरपोर्ट पर बेंगलुरू, गोवा, हैदराबाद और दिल्ली की फ्लाइट्स एक साथ आ-जा रही हैं, तो एटीएस को हर फ्लाइट की सटीक जानकारी मिलेगी। संवाद में किसी तरह की गफलत नहीं होगी।
मोनोपल्स सेकेंडरी सर्विलांस रडार सिस्टम से विमानों की सटीक जानकारियां एटीएस को मिलती हैं। केंद्र से इसकी मंजूरी मिल गई है। रामजी अवस्थी, एयरपोर्ट डायरेक्टर