लगभग तीन करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर इसे आयुष विभाग को भेजा जा चुका है। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सलीम अहमद ने बताया कि वित्त समिति की अगली बैठक के एजेंडे में शामिल है।
यह भी पढ़ें- अपराधियों के निशाने पर बुजुर्ग, घर पर अकेले रहते हैं तो सावधान! ये बातें ध्यान रखें
छह माह में तैयार हुआ प्रस्ताव
यह परियोजना लगभग छह महीने की मेहनत से तैयार की गई है। इसका उद्देश्य न केवल पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को सशक्त करना है, बल्कि मध्य प्रदेश को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाना भी है। आयुष विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह हम्माम पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा।
तीन चरणों में थेरेपी, हर कमरे का अलग तापमान
विशेषज्ञों ने नवाबी दौर के हम्मामों पर रिसर्च कर इस प्रोजेक्ट का मॉडल तैयार किया है।
इसमें तीन स्नान कक्ष होंगे
-पहला कमरा: 36.5 डिग्री सेल्सियस
-दूसरा कमरा: 42 से 45 डिग्री सेल्सियस -तीसरा कमरा: 50 डिग्री सेल्सियस हर कमरे में 10 से 15 मिनट तक रहने की सलाह दी जाएगी, ताकि शरीर की मांसपेशियों को गर्मी मिले और रोगों का उपचार संभव हो।