यह पहल न केवल ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त करने और सस्टेनेबल टूरिज्म को नया आयाम दे रही है। आगर आप नेचर लवर हैं और भारतीय कला, संस्कृति को नजदीक से देखने के शौकीन भी, तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए, क्योंकि यहां भी जहां देखें, दूर-दूर तक बिखरा है, नेचर के बीच कला और संस्कृति का रंग…जो हर टूरिस्ट का दिल छू रहा है…तो आइए आप भी बनिए एमपी टूरिज्म की सौम्यता और सांसकृतिक रंगों का हिस्सा…
पहले जानें क्या है ‘हर गांव रोशन’ पहल?
राज्य सरकार की इस अनूठी पहल के तहत, मध्य प्रदेश के 61 गांवों में सोलर और एनर्जी-एफिशिएंट लाइटिंग सिस्टम्स लगाए गए हैं, जो टूरिस्ट के लिए सुरक्षित और आकर्षक अनुभव को सुनिश्चित करते हैं। इन गांवों में ग्रामीण होमस्टे, लोकल क्राफ्ट मार्केट्स और सांस्कृतिक इवेंट्स को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही टूरिस्ट को प्रामाणिकता देता है और इसे इकोफ्रेंडली एक्सपीरियंस प्रदान करता है।
टूरिस्ट के लिए क्या है खास?
कैसे करीब से ले सकते हैं अनूठा एक्सपीरियंस: दरअसल, इन गांवों में टूरिस्ट स्थानीय खान-पान, हस्तशिल्प और पारंपरिक नृत्य-संगीत का लुत्फ उठा सकते हैं। जैसे कि, चंदेरी के गांवों में हैंडलूम साड़ियों की बुनाई और ओरछा के पास ग्रामीण मेलों का करीबी और गहरा अनुभव एकदम नया और अनूठा हो सकता है आपके लिए।
सस्टेनेबल ट्रैवल: सोलर लाइटिंग और इको-फ्रेंडली इन्फ्रास्ट्रक्चर टूरिस्ट को एनवायरमेंट फ्रेंडली फील तो देता ही है, साथ ही सुरक्षित ट्रेवलिंग भी देता है। होमस्टे की सुविधा: मध्य प्रदेश के 241 होमस्टे में से कई होमस्टे हर गांव रोशन योजना के अंतर्गत आने वाले 61 गांवों में हैं, जहां टूरिस्ट स्थानीय परिवारों के साथ रहकर उनकी यहां की कला और संस्कृति को करीब से जान सकते हैं।
ग्रामीण समुदायों को कैसे मिल रहा लाभ?
‘हर गांव रोशन’ पहल ने स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर दिए हैं। महिलाएं होमस्टे संचालन और लोकल क्राफ्ट्स बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं, जबकि युवाओं को टूर गाइड और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने हाल ही में इन गांवों में टूरिज्म वर्कशॉप्स आयोजित किए थे, जिनमें 500 से अधिक स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया।
2024 में एमपी टूरिज्म का शानदार प्रदर्शन, टूरिस्ट की पहली पसंद बन रहा
पिछले साल मध्य प्रदेश में 13.41 करोड़ टूरिस्ट ने दौरा किया, जो 526% की वृद्धि दर्शाता है। ‘हर गांव रोशन’ जैसे प्रोजेक्ट्स इस ग्रोथ को और तेज करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सस्टेनेबल और ग्रामीण टूरिज्म 2025 में मध्य प्रदेश को ग्लोबल टूरिज्म मैप पर और मजबूत करेगा।

क्यों हैं ये ऑफबीट डेस्टिनेशन
ओरछा (निवाड़ी जिला): बेतवा नदी, जहांगीर महल, और शांत माहौल के लिए जाना-पहचाना जाने वाला ओरछा, ग्वालियर या खजुराहो जैसे बड़े टूरिस्ट स्पॉट्स की तुलना में कम व्यस्त है, ऐसे में इस ऑफबीट डेस्टिनेशन पर घूमने का मजा आपकी यात्रा के लिए सुखद अनुभव बन सकता है।
पचमढ़ी (होशंगाबाद): मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन, जो अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यह भोपाल से थोड़ा दूर होने के कारण कम भीड़भाड़ वाला है। लेकिन अगर आप यहां की खूबसूरती को करीब से देखना चाहते हैं और यहां सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो अभी नहीं सर्दियों में यहां आएं। यहां आप शिमला सा मजा ले सकते हैं।
महेश्वर (खरगोन): नर्मदा नदी के तट पर बसा यह शहर अपने घाटों, मंदिरों और हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता है। यह इंदौर के पास है। लेकिन फिर भी यह एक पीसफुल डेस्टिनेशन है।
मांडू (धार): अपने ऐतिहासिक किलों, जैसे जहाज महल और बाज बहादुर महल, के लिए प्रसिद्ध। यह बड़े शहरों से दूर और व्यावसायिकता से पूरी तरह अछूता है, जो इसे एमपी का ऑफबीट डेस्टिनेशन बनाता है।
चंदेरी (अशोकनगर): अपनी साड़ियों, जैन मंदिरों और मध्यकालीन किलों के लिए जाना चंदेरी। बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के बाद यहां का टूरिज्म सिर चढ़कर बोलने लगा है। यह खजुराहो या भोपाल जैसे मुख्य टूरिस्ट सर्किट से बाहर है। जो इसे ऑफबीट डेस्टिनेशन बनाता है।
कैसे पहुंचें और कैसे करें बुकिंग?
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन माइक्रोसाइट (www.mptourism.com) पर इन गांवों के होमस्टे और टूर पैकेज की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों से इन गांवों तक बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी सहजता से उपलब्ध होने वाले साधन हैं।
पर्यटकों का उत्साह
दिल्ली से आए टूरिस्ट रोहन शर्मा कहते हैं, ‘महेश्वर के पास एक गांव में होमस्टे का अनुभव अद्भुत था। सोलर लाइट्स की वजह से रात में गांव की सैर करना सुरक्षित और खूबसूरत था। यहां का ट्रेडिशनलॉ खाना और कहानियां मेरे लिए यादगार रहीं।’
‘हर गांव रोशन’ को मिलेगा विस्तार
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड अब इस प्रोजेक्ट को और विस्तार देने की योजना बना रहा है। इसके तहत और भी कई गांवों को इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही, हेलिकॉप्टर सर्विसेज शुरू करने की तैयारी है, ताकि टूरिस्ट इन ग्रामीण डेस्टिनेशन्स तक आसानी से पहुंच सकें।
क्यों जाएं इन गांवों में?
‘हर गांव रोशन’ सिर्फ एक टूरिज्म प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि यह तो मध्य प्रदेश की आत्मा को छूने का मौका मिलने जैसा है। अगर आप शहर की भागदौड़ से दूर, प्रकृति और संस्कृति के बीच सुकून भरा समय बिताना चाहते हैं, तो इन 61 गांवों की सैर जरूर करें।