शव को लेकर स्टाफ के तीन जवान पोरसा क्षेत्र के उनके पैतृक गांव खलक का पूरा पहुंचे। जवान का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की मांग को लेकर पहले तहसील कार्यालय फिर पचपेड़ा पर जाम लगाया। सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, समझाया तब साढ़े चार घंटे बाद जाम खुल सका। (Udhampur camp of Jammu Kashmir)
2012 में सेना में हुए थे ज्वाइन
जानकारी के अनुसार पोरसा तहसील के खलक का पुरा अरॉन निवासी अरविंद सिंह (35) पुत्र अशोक सिंह तोमर की वर्ष 2012 में सेना में नौकरी लगी थी। 10 जून की रात को अरविंद सिंह ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। 20 जून को सुबह परिजन को गांव में सूचना मिली, तब परिवार के लोग ऊधमपुर पहुंचे और शफिर व को लेकर सेना के तीन जवान रविवार की सुबह पैतृक गांव खलक का पुरा पहुंचे।
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परिजनों में आक्रोश, तहसील ऑफिस में लगाया जाम
पार्थिव देह के साथ तीन जवानों को देखकर परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जवान को सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि की मांग को लेकर सुबह नौ बजे नेशनल हाईवे 552 पोरसा में तहसील कार्यालय के सामने डेढ़ घंटे और फिर पचपेड़ा पर जाम कर दिया। सैनिक सम्मान के साथ कंपनी के जवान पहुंच गए और अधिकारियों ने नियमानुसार सुविधाएं देने का आश्वासन दिया, तब दोपहर डेढ़ बजे जाम खुल गया। उसके बाद सैनिक सम्मान के साथ जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता व सुमावली के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
सीनियर करते थे टॉर्चर, इसलिए भाभी भी पहुंच गई वहीँ
मृतक सेना के जवान अरविंद सिंह तोमर तीन आई हैं, छोटा भाई धर्मवीर सिंह भी सेना में ही है। उससे छोटा भाई छोटू सिंह तोमर गांव में ही रहता है। छोटू तोमर ने बताया कि पिछले कुछ दिन से सीनियर अफसर भाई अरविंद तोमर को टॉर्चर कर रहे थे भाई अरविंद ने गांव में रह रही अपनी पत्नी चांदनी को भी बताया था कि अधिकारी मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं, नौकरी छोडनी पड़ेगी। इसके चलते दो माह पूर्व पत्नी चांदनी अपने दोनों बच्चे हैं अथर्व, विदर्भ को लेकर ऊधमपुर चली गई थी।
ये मांगे थी जवान के परिजन की
- सैनिक सम्मान के साथ हो जवान की अंत्येष्टि।
- अनुकंपा नौकरी मिलने तक पत्नी को पूरा वेतन मिले।
- पत्नी को पेंशन दी जाए।
- परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
- एक शहीद को जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अरविंद को भी मिले।
(soldier arvind tomar hanged himself in Udhampur camp)