स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई जा रही जांच में कोलेस्ट्रॉल, बीपी, हार्ट की बीमारी से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। मेडिसिन व हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे बड़े कारणों में तली-भुनी चीजों के ज्यादा सेवन के साथ ही होटल, रेस्टोरेंट व ठेलों पर बिकने वाले समोसे, आलू बंडे, मंगौड़े हैं जिन्हें तलने के लिए बार-बार तले तेल का उपयोग किया जा रहा है।
सेहत से हो रहा खिलवाड़
चिकित्सकों के अनुसार बार-बार एक ही तेल के उपयोग से उसमें फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं. जो आगे चलकर कैंसर, स्ट्रॉक और अल्जाइमर जैसी घातक बीमारियों का कारण बनते हैं। तेल को बार-बार गर्म करने से उसकी खुशबू के साथ-साथ उसका प्रभाव भी खत्म हो जाता है। इसके कारण तेल में फैट जमने लगता है। इस जले तेल का रंग काला पड़ जाता है। इसी जले हुए तेल में तले हुए समोसे, आलूबंडे खाने पर यह शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल, ट्राई ग्लिसराइड की मात्रा को बढ़ा देता है, जो नसों और हार्ट में ब्लॉकेज का कारण बनते हैं।
खोमचा वालों के यहां एक जैसा हाल
जलपान की दुकान, होटल, ठेलों में खोमचे वाले ’यादातर जगह एक जैसा नजारा है। जयंती कॉम्पलेक्स के सामने, आमनपुर मुख्य मार्ग, त्रिपुरी चौक, गौरीघाट बस स्टैंड व तट की ज्यादातर दुकान, तिलवाराघाट, धनवंतरि नगर चौराहा के आसपास, रांझी बड़ा पत्थर, कांचघर चौराहा के समीप पड़ताल की तो ’यादातर खोमचे वालों के यहां व प्रतिष्ठानों में कड़ाही जले, काले तेल से भरी मिली, जिसमें समोसे, आलूबंडे, भजिया, मंगौड़ा या कचौरी तली जा रही है। एक रेस्टोरेंट में तो कढ़ाई में पुराने रखे तेल से शुरुआत कर उसे डिब्बे में भी भरा और काला तेल डालकर कचौरियां तली गई।
कड़ाही में जले हुए तेल से बार-बार समोसा, आलूबंड़ा, कचौरी, भजिया तले जाने पर उन्हें खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है। इनका ज्यादा सेवन करने पर शरीर में फैट, बेड कोलेस्ट्रॉल, ट्राई ग्लिसराइड बढ़ता है जो नसों में ब्लॉकेज, हार्ट ब्लॉकेज, गैस, एसीडिटी, हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।- डॉ.आरएस शर्मा, मेडिसिन व हृदय रोग विशेषज्ञ, पूर्व कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी