शहडोल: Police Constable Exam Scam: मध्यप्रदेश की बहुचर्चित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में शहडोल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले मुख्य आरोपी मनीष गुर्जर को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय से रिमांड पर लिया है। बता दें कि नियुक्ति के बाद से आरोपी फरार था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेशभर में फैले फर्जीवाड़ा नेटवर्क की परतें खुलने की पूरी संभावना है।
Police Constable Exam Scam: शहडोल जिले में हाल ही में हुई आरक्षक भर्ती में एक नियुक्ति संदिग्ध पाई गई थी। जब दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई तो आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डेटा में बड़ी गड़बड़ी का पता चला। मनीष गुर्जर, निवासी ग्राम चीमक, तहसील डबरा, जिला ग्वालियर ने किसी और व्यक्ति से परीक्षा दिलवाई थी और उसके फिंगरप्रिंट से आधार कार्ड अपडेट कर परीक्षा में शामिल हुआ था।
Police Constable Exam Scam: पुलिस ने आरोपी की फोटो, दस्तावेज, फिंगरप्रिंट और हस्तलिपि का गहन परीक्षण किया। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि जिसने परीक्षा दी थी और जिसे बाद में आरक्षक पद पर नियुक्त किया गया वे दो अलग-अलग व्यक्ति थे। यह सामने आने के बाद शहडोल कोतवाली में पूर्व में दर्ज प्रकरण को गंभीरता से लिया गया और मनीष गुर्जर को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। फिलहाल मनीष गुर्जर से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस साजिश में और कितने लोग शामिल हैं।
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा कैसे हुआ?
इस “पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा” में आरोपी मनीष गुर्जर ने किसी अन्य व्यक्ति से परीक्षा दिलवाई और उसके फिंगरप्रिंट से आधार कार्ड अपडेट कर खुद को असली उम्मीदवार दिखाया।
क्या आरोपी मनीष गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है?
हाँ, शहडोल पुलिस ने “पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा” घोटाले में मुख्य आरोपी मनीष गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायालय से रिमांड पर लिया गया है।
इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हो सकता है?
पुलिस की पूछताछ चल रही है। “पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा” में एक पूरे नेटवर्क के जुड़े होने की आशंका है, जिससे जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
क्या यह मामला केवल शहडोल का है?
नहीं, यह एक राज्यव्यापी मामला हो सकता है। शहडोल में मामला सामने आने के बाद “पुलिस भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा” की जांच अन्य जिलों में भी हो सकती है।
इस मामले में क्या-क्या सबूत मिले हैं?
पुलिस ने फोटो, दस्तावेज, फिंगरप्रिंट और हस्तलिपि का मिलान किया जिससे यह साबित हुआ कि परीक्षा देने वाला और नौकरी करने वाला व्यक्ति अलग हैं।