जबलपुर: Jabalpur High Court Order: आइए अब आपको अजब एमपी में हुआ एक और ग़ज़ब कारनामा दिखाते हैं जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में लाखों का भ्रष्टाचार पकड़ने वाले कर्मचारी का 600 किलोमीटर दूर मुरैना तबादला कर दिया गया। भ्रष्टाचार भी ऐसा जिसमें डॉक्टर साहब की चाय सरकारी खर्च पर 20 किलोमीटर दूर से आती थी! लेकिन कहते हैं न देर है अंधेर नहीं। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेकर पीड़ित कर्मचारी के तबादले पर रोक लगा दी है और सरकार से जवाब भी माँगा है।
Jabalpur High Court Order: जबलपुर जिले के मंझौली सिविल अस्पताल के मेन गेट पर ही चाय की एक नहीं दो-दो दुकानें सजी हुई हैं लेकिन यहाँ पदस्थ रहे बीएमओ यानी ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर की चाय मंझौली से 20 किलोमीटर दूर सिहोरा से वह भी सरकारी खर्च पर मंगाई जाती थी। लगभग 30 लाख रुपये की ऐसी फर्जी बिलिंग ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अमित चंद्रा ने पकड़ ली थी। कर्मचारी ने जब दबाव के बावजूद बिल पास नहीं किए तो उसे ही झूठी शिकायतों से परेशान किया जाने लगा और हाल ही में उसका तबादला जबलपुर से मुरैना कर दिया गया। परेशान होकर पीड़ित कर्मचारी ने हाईकोर्ट की शरण ली और अपने तबादले को चुनौती दे दी।
Jabalpur High Court Order: उधर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते ही तबादले की मंशा समझ ली। जबलपुर हाईकोर्ट ने न केवल अमित चंद्रा के तबादले पर रोक लगा दी बल्कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर दो हफ़्तों में जवाब भी माँग लिया। भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर इसी मामले में पहले भी चंद्रा का तबादला नरसिंहपुर किया गया था लेकिन तब भी हाईकोर्ट ने तबादले पर रोक लगा दी थी। अब फिर सिस्टम ने और लंबा तबादला करते हुए वही।