डिंडोरी: Jungle Mushroom Poisoning: मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले डिंडोरी के लालपुर गांव में जंगली पिहरी खाने से 8 ग्रामीणों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। यह घटना शुक्रवार की सुबह से दोपहर के बीच की है जब ग्रामीण जंगल से जंगली पिहरी तोड़कर लाए और उसे साग बनाकर खा लिया। कुछ समय बाद सभी की तबीयत एक-एक कर खराब होने लगीऔर कुछ लोग बेहोश हो गए।
Jungle Mushroom Poisoning: स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को सूचना दी। मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने सभी बीमारों को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरखपुर में भर्ती कराया। इनमें से एक महिला की हालत गंभीर होने पर उसे गाड़ासरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां उसका इलाज जारी है।
Jungle Mushroom Poisoning: वही गाड़ासरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज डॉ चंद्रशेखर टेकाम का कहना है कि परिजनों के बताए अनुसार घटना शुक्रवार की सुबह की है जिसके चलते 8 लोगों की तबियत बिगड़ी है इनमें एक पुरुष बाकी महिलाएं है। सभी का इलाज जारी है। एक महिला की तबीयत ज्यादा नाजुक है। जिसे जिला चिकित्सालय डिंडोरी रिफर किया जा रहा है। जंगली पिहरी एक प्रकार से फंगस हैं और कितनी मात्रा में खाई गई है जांच का विषय है।
“जंगली पिहरी” क्या होती है और क्या यह खाने योग्य है?
जंगली पिहरी एक प्रकार की जंगली फंगस (मशरूम) होती है, जो जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगती है। इसकी कुछ किस्में जहरीली हो सकती हैं। बिना पहचान और जानकारी के “जंगली पिहरी” खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
“जंगली पिहरी खाने से क्या लक्षण होते हैं”?
“जंगली पिहरी” खाने के बाद उल्टी, चक्कर आना, पेट दर्द, बेहोशी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकती है।
“डिंडोरी जहरकांड” के पीड़ितों की हालत कैसी है?
डिंडोरी के लालपुर गांव में जंगली पिहरी खाने से 8 लोग बीमार हुए हैं, जिनमें से एक महिला की हालत गंभीर बताई गई है और उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बाकी का इलाज प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जारी है।
क्या “जंगली पिहरी” पर स्वास्थ्य विभाग की कोई चेतावनी है?
जी हाँ, आदिवासी इलाकों में अक्सर स्वास्थ्य विभाग लोगों को “जंगली पिहरी” जैसे अनजाने जंगली खाद्य पदार्थों को पहचान के बिना न खाने की सलाह देता है। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
“जंगली पिहरी फूड पॉइजनिंग” से कैसे बचा जा सकता है?
सिर्फ वही जंगली फूड खाएं जिसकी पहचान और जानकारी स्थानीय बुजुर्गों या विशेषज्ञों को हो। अनजान या नई तरह की “पिहरी” या मशरूम से परहेज करें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।