भोपाल, 28 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के वाहनों में पानी मिश्रित ईंधन भरे जाने के मामले में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए शनिवार को रतलाम स्थित ‘शक्ति फ्यूल पॉइंट’ के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों की जांच के भी निर्देश दिए हैं ताकि उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त पेट्रोल एवं डीजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा सके।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने रतलाम में हुई घटना पर संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को तेल कंपनियों के साथ बैठक कर जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
दरअसल रतलाम के डोसीगांव में 26 जून को कई वाहनों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पेट्रोल पंप ‘शक्ति फ्यूल पॉइंट’ से डीजल भरवाया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, वहां ईंधन भरने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के सभी वाहन खराब हो गए थे और उन्हें धक्का देकर सड़क के किनारे खड़ा करना पड़ा था।
बीपीसीएल ने कहा था कि ‘असामान्य भारी बारिश’ के कारण रतलाम में उसके पेट्रोल पंप पर ईंधन भंडारण टैंकों में पानी घुस गया था जिसकी वजह से यह समस्या हुई।
बयान में कहा गया कि जिला रतलाम के खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा पेट्रोल पंप की तत्काल जांच की गई और पेट्रोल एवं डीजल के नमूने जांच के लिए इंदौर स्थित बीपीसीएल की प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
बयान में कहा गया, ‘इस प्रकरण में मोटर स्पिरिट और उच्च व्यय डीजल (प्रदाय तथा वितरण का विनियम और अनाचार निवारण) आदेश 2005 के प्रावधानों के तहत दोषी पंप संचालक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 377 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।’
इसमें कहा गया कि पेट्रोल पंप पर उपलब्ध 5995 लीटर पेट्रोल एवं 10657 लीटर डीजल जब्त कर उसे सील किया गया है।
बयान के मुताबिक अपर मुख्य सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने इस घटना के परिपेक्ष्य में 27 जून को ही इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
बयान में कहा गया कि वर्षा के मौसम को देखते हुए तेल कंपनियों को प्रदेश के समस्त पेट्रोल पम्पों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
शमी ने कहा कि निरीक्षण में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि पेट्रोल पम्पों के भूमिगत टैंकों में पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि ऐसा पाया जाता है तो पानी के रिसाव को रोकने संबंधी एवं उपभोक्ताओं को सही गुणवत्ता का डीजल और पेट्रोल प्रदान करने की समस्त कार्यवाही की जाएगी।’
बयान के मुताबिक सभी तेल कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में उनकी तरफ़ से कोई समस्या नहीं आएगी और पेट्रोल पम्पों की संघन जांच की जायेगी।
इसके साथ ही पेट्रोल पम्पों पर आवश्यक नागरिक सुविधाओं जैसे निःशुल्क हवा, पेय जल, महिला एवं पुरुष के लिए पृथक-पृथक शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश तेल कंपनियों को दिए गए।
शमी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले सभी पेट्रोल पंप की खाद्य, राजस्व, नापतौल की जांच कराएं।
इससे पहले, बीपीसीएल ने एक बयान में कहा, ‘हम मध्यप्रदेश के रतलाम में ईंधन स्टेशन, मेसर्स शक्ति फ्यूल प्वाइंट पर डीजल टैंक में पानी की मौजूदगी की एक घटना से हमारे ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हैं। इसकी वजह से 26 जून 2025 की शाम को कुछ वाहन प्रभावित हुए।’
बयान में कहा गया, ‘‘ खाद्य निरीक्षक और तहसीलदार सहित सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए प्रारंभिक निरीक्षण में भूमिगत हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) टैंक में पानी का पता चला। इसके विपरीत पेट्रोल (एमएस) टैंक अप्रभावित रहा।’
बीपीसीएल ने कहा कि प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि दिन में क्षेत्र में असामान्य भारी वर्षा के कारण डीजल टैंक में पानी घुस गया।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि डीलर ने मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार उस सुबह पेट्रोल और डीजल दोनों टैंकों की जांच की थी और दोनों टैंकों में पानी की मौजूदगी नहीं पाई गई थी।
भाषा ब्रजेन्द्र शोभना
शोभना